Coromandel Express train accident in Odisha's Balasore
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बालासोर/ नई दिल्ली: ओडिशा के बालासोर ट्रेन दुर्घटना मामले (Odisha Train Tragedy) में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज (FIR) कर ली है। बालासोर पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ यह एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने रेलवे एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, हादसे में अज्ञात लोगों के खिलाफ कटक में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) द्वारा रेलवे अधिनियम की धारा 153, 154 और 175 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बताया गया है कि बालासोर रेलवे पुलिस के सब इंस्पेक्टर पापु कुमार नाइक की शिकायत के बाद ये मुकदमा दर्ज हुआ है।

वहीं, केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कल रात प्रभावित क्षेत्र को बहाल कर दिया गया, जिसके बाद 50-60 ट्रेनें वहां से गुजरी हैं। स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है। हम यात्रियों के परिजनों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।

इस हादसे में कम से कम 275 लोगों की गई जान 

कोरोमंडल एक्सप्रेस शुक्रवार शाम करीब सात बजे ‘लूप लाइन’ पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे इसके (कोरोमंडल एक्सप्रेस के) अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए। उसी समय वहां से गुजर रही तेज रफ्तार बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा कर पटरी से उतर गए। इस हादसे में कम से कम 275 लोगों की जान चली गई और करीब 1,100 यात्री घायल हुए हैं। 

सीबीआई करेगी मामले की जांच 

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) बालासोर ट्रेन हादसे की जांच अपने हाथ में लेगी। प्रक्रिया के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी ओडिशा पुलिस द्वारा तीन जून को दर्ज बालासोर जीआरपी केस नंबर-64 को अपने हाथ में लेगी। यह मामला ट्रेन हादसे के एक दिन बाद दर्ज किया गया था।

यह मामला भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 337, 338, 304ए (लापरवाही से मौत) और 34 (सामान्य मंशा) और धारा 153 (रेलवे यात्रियों के जीवन को खतरे में डालने वाली गैरकानूनी और लापरवाही भरी कार्रवाई) और रेलवे अधिनियम 154 और 175 (जीवन को खतरे में डालना) के तहत दर्ज किया गया था।