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    भुवनेश्वर: ओडिशा में तीन दिन की अवधि के दौरान कुल 599 लोगों को नशे की हालत में गाड़ी चलाते हुए पकड़ा गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) ने पुलिस के साथ मिलकर लोगों को नशे की हालत में गाड़ी चलाने से रोकने के लिए एक राज्यव्यापी अभियान चलाया और सात सितंबर से नौ सितंबर की अवधि के दौरान 599 लोगों को पकड़ा गया। एसटीए ने एक बयान में कहा, “सड़क सुरक्षा पर सर्वोच्च न्यायालय की समिति के निर्देशों के अनुसार, निलंबन के लिए कुल 338 ड्राइविंग लाइसेंस जब्त किए गए हैं।” कोविड-19 के मामलों की संख्या में गिरावट के बाद राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंध हटा लिए गए।

    तदनुसार, परिवहन विभाग और राज्य पुलिस ने संयुक्त रूप से अप्रैल 2022 में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर नकेल कसने के लिए अभियान दोबारा से शुरू किया।  प्रवर्तन कर्मचारियों ने अप्रैल में अपराधियों के 350 वाहनों को जब्त किया था। वहीं, इसी महीने शराब पीकर गाड़ी चलाने के आरोप में 222 लोगों को हिरासत में लिया गया था।

    कार्रवाई के लिए कुल 455 अभियोजन रिपोर्ट अदालतों को सौंपी गई थी। इसके अलावा तटीय राज्य में मोटर वाहन अधिनियम के उल्लंघन के 1,568 अन्य मामलों का भी पता चला है। गौरतलब है कि सख्त कानूनों और विनियमों के बावजूद, भारत में सड़क दुर्घटनाओं के पीछे शराब पीकर गाड़ी चलाना एक प्रमुख कारण बना हुआ है। ओडिशा में 2021 में शराब पीकर गाड़ी चलाने के कारण कुल 246 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।

    2019 सितंबर में राज्य ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में संशोधन किया गया था। उल्लेखनीय है कि शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में, पहली बार अपराध करने वालों को छह महीने तक की कैद या 10,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। वहीं, दूसरी बार उल्लंघन करने पर दो साल तक की जेल या 15,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। (एजेंसी)