ओडिशा : कानून मंत्री प्रताप जेना को हटाने की मांग को लेकर विधानसभा में हंगामा

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    भुवनेश्वर: ओडिशा के कानून मंत्री प्रताप जेना की तत्काल बर्खास्तगी की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को विधानसभा में विपक्षी दलों भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा किया जिसके चलते कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित हुई। जेना पर दोहरे हत्याकांड का एक मामला चल रहा है। विपक्ष ने सरकार से राज्य में सूखा घोषित करने की भी मांग की। मॉनसून सत्र के दूसरे दिन पूर्वाह्न साढ़े दस बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही भाजपा और कांग्रेस के विधायक आसन के समक्ष आ गए और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे।

    जेना पर भाजपा के नेता कुलमणि बराल और उनके सहयोगी दिव्यसिंह बराल की हत्या में शामिल होने का आरोप है। यह घटना कटक जिले के महंगा इलाके में जनवरी में हुई थी। भाजपा नेताओं ने जेना की तत्काल बर्खास्तगी की मांग उठायी, वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस ने राज्य में सूखा घोषित करने की मांग की।

    विपक्षी दलों को सदन के अध्यक्ष के आसन पर चढ़ने की कोशिश करते हुए भी देखा गया। विधानसभा अध्यक्ष एस एन पात्रा ने पहले एक घंटे के लिए और उसके बाद शाम चार बजे तक दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित की। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलने के वास्ते समाधान निकालने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई। 

     भाजपा नेता बी सी सेठी, विपक्ष के मुख्य सचेतक मोहन माझी, कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा, संसदीय मामलों के मंत्री बी के अरुखा, सरकार की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य लक्ष्मण मुंडा को बैठक में बुलाया गया था। बाद में विधानसभा के बाहर, माझी ने संवाददाताओं से कहा, “प्राथमिकी में कानून मंत्री का नाम दर्ज है लेकिन पुलिस ने 12 लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया है जिसमें जेना का नाम गायब है।

    सलीपुर में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत ने कटक जिले के महंगा इलाके में भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं की हत्या में जेना की संलिप्तता की जांच करने का निर्देश पुलिस को दिया है।” पार्टी की मांग को दोहराते हुए माझी ने कहा कि भाजपा लंबे समय से जेना को मंत्रिमंडल से हटाने और दोहरे हत्याकांड की निष्पक्ष जांच कराने की मांग कर रही है। (एजेंसी)