PHOTO: @VSivankuttyCPIM/ Twitter
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    कोट्टायम: आमतौर पर कहा जाता है की शिक्षा की कोई उम्र नहीं होती। व्यक्ति किसी भी उम्र में पढ़ सकता है और पढाई को कोई मर्यादा नहीं रहती है। ऐसा ही एक मामला केरल के कोट्टायम से सामने आया है। जहां 104 वर्षीय महिला कुट्टियाम्मा (104-year-old Kuttiyamma) जो कभी स्कूल नहीं गई। वह सिर्फ अपने घर पर साक्षरता कक्षाओं में भाग लेती थी। उन्होंने 100 में से 89 अंक प्राप्त किए है और कक्षा 4 की परीक्षा लिखने के योग्य हो गई है।

    उसकी शिक्षिका फेहरा जॉन ने कहा है कि “वह अब पत्र लिख सकती है और बहुत खुश है।”

    कुट्टियामा ने साबित किया Age Just a Number… 

    कुट्टियम्मा ने साबित कर दिया है कि जब आप कुछ करने के इच्छुक होते हैं तो उम्र कोई बाधा नहीं होती है। कुट्टियाम्मा कभी स्कूल नहीं गई और पहले पढ़-लिख नहीं सकती थी। ‘साक्षरता प्रेरक रहना’ में उन्हें पढ़ना लिखना सीखा दिया था। उन्होंने साक्षरता परीक्षा में इतना अच्छा स्कोर करने के बाद अब वह कक्षा 4 में बैठने के योग्य है। परीक्षा में उनके अलावा उनकी उम्र की कई महिलाएं शामिल हुई थी, लेकिन इन सभी में सबसे अधिक अंक से कुट्टियम्मा ने परीक्षा को उत्तीर्ण किया है। उन्होंने राज्य साक्षरता दर में एक और सितारा जोड़ दिया है, जो पहले से ही भारत के अन्य राज्यों से हमेशा आगे है। 

    केरला के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी  ने किया ट्वीट

    इसी बीच केरला के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने ट्वीट के साथ कुट्टियाम्मा की एक फोटो भी शेयर की है। उन्होंने लिखा, ‘कोट्टायम की 104 वर्षीय कुट्टियाम्मा ने केरल राज्य साक्षरता मिशन की परीक्षा में 89/100 अंक हासिल किए हैं। ज्ञान की दुनिया में प्रवेश के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है। अत्यंत सम्मान और प्रेम के साथ, मैं कुट्टियम्मा और अन्य सभी नए शिक्षार्थियों को शुभकामनाएं देता हूं।’

    बता दें कि दादी अम्मा (कुट्टियाम्मा) की तस्वीर लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लोग उनकी काबिलियत की जमकर तारीफ कर रहे हैं। यही नहीं उन्होंने अपने इस कारनामे से साबित कर दिया है कि ज्ञान कभी भी प्राप्त किए जा सकते हैं।