Shashi Tharoor BJP Congress
शशि थरूर (File Photo)

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    बेंगलुरु: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शुक्रवार को कहा कि भारत जैसे बहु-धार्मिक, बहु-सांस्कृतिक, कई पार्टियों वाली और बहुलवादी देश के लिए स्वीकार्यता सर्वश्रेष्ठ तरीका है।   उन्होंने यह बात बेंगलुरु में एलायंस यूनिवर्सिटी के साहित्य उत्सव में कही। 

    पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक ऐसे समय में खुद के प्रौढ़ होने के बारे में बात की जब धर्म निजी मामला हुआ करता था और इस बारे में बात करने की जरूरत नहीं थी । थरूर ने कहा कि उन्होंने बाबरी मस्जिद ढहाये जाने की प्रतिक्रिया में अपनी पुस्तक ‘इंडिया:फ्रॉम मिडनाइट टू मिलेनियम’ में इस बारे में लिखा है। 

    उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं भारत आया और देखा कि भाजपा और इससे जुड़े संघ परिवार के सदस्य मेरे बेशकीमती धर्म का इस्तेमाल खुद को आगे बढ़ाने के लिए एक राजनीतिक औजार के रूप में कर रहे हैं तब मैं संकट में घिरने लगा और मुझे गुस्सा आने लगा।” थरूर ने सहिष्णुता का जिक्र एक संरक्षणवादी विचार के तौर पर किया।

    उन्होंने कहा, ‘‘…लेकिन स्वीकार्यता का मतलब है कि मैं आपकी सच्चाई का सम्मान करूं और कृपया आप मेरी सच्चाई का सम्मान करें। हमारे जैसे बहु-धार्मिक, बहु-सांस्कृतिक, कई पार्टियों वाली और बहुलवादी लोकतंत्र के लिए यह सर्वश्रेष्ठ तरीका है लेकिन स्वीकार्यकता के इस दर्शन का त्याग किया जा रहा, जो स्वामी विवेकानंद की शिक्षा का परित्याग करना है।” कांग्रेस सांसद ने मौजूदा स्थिति के बारे में कहा कि उन्हें लगता है कि सबसे बड़ा मानवाधिकार आहत होने का अधिकार हो गया है।