नई दिल्ली: एक बड़ी खबर के अनुसार आंध्र प्रदेश विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें भारत सरकार से पिछड़े वर्गों की जाति आधारित जनगणना करने का अनुरोध किया गया है।
Andhra Pradesh Assembly passes a resolution, requesting Govt of India to take up a caste-based census of backward classes pic.twitter.com/9sZTlIjFUR
— ANI (@ANI) November 23, 2021
बता दें कि आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल ने तय किया था भारत सरकार से 2021 की आम जनगणना आयोजित करते समय ओबीसी की जाति जनगणना करने का अनुरोध किया जाएगा।
गौर हो कि इससे पहले तेलंगाना सरकार ने भी 8 अक्टूबर को राज्य विधानसभा में इसी तरह का एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें केंद्र से राष्ट्रीय जनगणना के हिस्से के रूप में ओबीसी की गणना करने का अनुरोध किया गया था।
पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री एस वेणुगोपाल कृष्ण ने प्रस्ताव पेश किया जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। प्रस्ताव में कहा गया, “भारत के संविधान में जिस न्यायपूर्ण और समतावादी समाज की कल्पना की गई है ऐसा समाज बनाने के लिए यह आवश्यक है कि कल्याणकारी कदम उठाने के लिए सभी पिछड़े समुदायों की गणना की जाए। सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के लाभ के लिए संविधान के विभिन्न प्रावधानों को लागू करने के वास्ते जातीयगणना की जानी चाहिए।”
मंत्री ने कहा कि अंग्रेजों के शासन में 1931 में जातीय जनगणना की गई थी। उन्होंने कहा, “देश की जनसंख्या चार गुना से ज्यादा बढ़कर 130 करोड़ के आसपास हो चुकी है इसलिए अब चीजें पूरी तरह बदल गई हैं। जातीय जनगणना 90 साल तक नहीं होने से 1931 में प्राप्त आंकड़े ही अब भी इस्तेमाल किये जा रहे हैं और उन्हें वार्षिक तथा दशक में एक बार होने वाली वृद्धि के साथ प्रदर्शित किया जाता है। प्रदर्शित किये जाने वाले आंकड़ों पर निर्भर होना एक बिंदु के बाद उचित नहीं है।”