बीरभूम हिंसा: उच्च न्यायालय ने टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या की जांच भी CBI को सौंपी

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     कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court)  ने तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख की हत्या (Bhadu Sheikh Murder) की सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) जांच के शुक्रवार को आदेश दिए। ऐसा आरोप है कि इस हत्या के प्रतिशोध में बीरभूम जिले में कुछ घरों में आग लगा दी गई थी, जिसमें जलकर नौ लोगों की मौत हो गई थी।

    उच्च न्यायालय ने इससे पहले बोगतुई गांव में आग लगने से नौ लोगों की मौत की घटना की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से भादू शेख की हत्या की भी सीबीआई जांच कराने का आदेश देने का अनुरोध किया गया था। याचिका में दावा किया गया था कि दोनों घटनाएं आपस में जुड़ी हुई हैं। पीठ में न्यायमूर्ति आर. भारद्वाज भी शामिल थे।

    पीठ ने कहा, ‘‘सीबीआई को बोगतुई में घरों में आग लगाने और हत्या मामले में जांच के साथ ही भादू शेख की हत्या के मामले की भी जांच करने का निर्देश दिया जाता है।” उच्च न्यायालय ने बोगतुई गांव में 21 मार्च को हुई हिंसा की जांच पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल से सीबीआई को सौंपने का 25 मार्च को आदेश दिया था।

    राज्य के डीजीपी ने 22 मार्च को कहा था कि बोगतुई में हुई हिंसा स्थानीय पंचायत के उप प्रमुख शेख की हत्या के एक घंटे के भीतर हुई थी। जिस स्थान पर शेख की हत्या हुई थी, वह बोगतुई से एक किलोमीटर दूर है। पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि शेख की हत्या के परिणामस्वरूप दूसरी घटना हुई। उसने कहा कि आवश्यक निर्देश जारी करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई हो।

    उसने कहा, ‘‘हमारे समक्ष उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर हमारी राय है कि अगर सीबीआई बोगतुई के ग्रामीणों के घरों में आग लगाने और उनकी हत्या की घटना के साथ ही भादू शेख की हत्या की घटना की जांच करती है तो उक्त उद्देश्य को उचित तरीके से हासिल किया जा सकता है।”

    अदालत ने कहा कि सीबीआई द्वारा उसे सौंपी गयी जांच की प्रगति रिपोर्ट से प्रथम दृष्टया यह लगता है कि बोगतुई गांव में आग लगाए जाने और हत्या की बर्बर घटना उसी रात साढ़े आठ बजे हुई भादू शेख की हुई हत्या का सीधा नतीजा है।  पीठ ने कहा कि रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि यह घटना गांव में दो समूहों के सदस्यों के बीच शत्रुता का नतीजा है और प्रतिशोध में घरों को जलाया गया, जिसमें कम से कम नौ लोगों की मौत हो गयी।

    अदालत ने राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी को भादू शेख की हत्या के मामले की जांच सीबीआई को तत्काल सौंपने के निर्देश दिए। साथ ही गिरफ्तार किए गए आरोपियों के साथ ही अब तक की जांच के सभी रिकॉर्ड भी सीबीआई को सौंपने के निर्देश दिए गए। पीठ ने सीबीआई को दोनों मामले में जांच की रिपोर्ट दो मई को सुनवाई की अगली तारीख पर दाखिल करने के निर्देश दिए।

    मामले में सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा, ‘‘यह ठीक है कि अगर एक एजेंसी दोनों घटनाओं की जांच करती है, तो इससे न केवल सच का पता लगाना आसान हो जाएगा बल्कि एक ही सक्षम अदालत के समक्ष मुकदमा चलाने में भी सुविधा होगी।” मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने 21 मार्च की घटना पर 23 मार्च को स्वत: संज्ञान लिया था। (एजेंसी)