Calcutta High Court

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    कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को पश्चिम बंगाल के शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी से राज्य सरकार द्वारा सहायता प्राप्त एक स्कूल में अपनी बेटी की नियुक्ति कराने संबंधी आरोपों को लेकर पूछताछ करने का मंगलवार को निर्देश दिया।

    एक याचिकाकर्ता ने याचिका दायर करके आरोप लगाया है कि भर्ती परीक्षा में मंत्री की बेटी से अधिक अंक हासिल करने के बावजूद उसे नौकरी नहीं दी गई। अदालत ने इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई को यह आदेश दिया। न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने निर्देश दिया कि मंत्री आरोपों के संबंध में पूछताछ के लिए मंगलवार शाम तक सीबीआई प्राधिकारियों के समक्ष पेश हों।

    याचिकाकर्ता के वकील फिरदौर शमीम ने दावा किया कि उनकी मुवक्किल ने भर्ती परीक्षा में 77 अंक हासिल किए थे, जबकि मंत्री की बेटी को केवल 61 अंक मिले। इससे पहले भी न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय चार मौकों पर राज्य के सरकारी और सरकार से सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारियों की नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई जांच के आदेश दे चुके हैं।

    उन्होंने राज्य के पूर्व शिक्षा पार्थ चटर्जी को पूछताछ के लिए एजेंसी के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन एक खंडपीठ ने बाद में इस आदेश पर रोक लगा दी थी। चटर्जी वर्तमान में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली कैबिनेट के उद्योग, वाणिज्य और संसदीय मामलों के मंत्री हैं।

    उच्च न्यायालय द्वारा गठित एक समिति ने 13 मई को अदालत को अपनी एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें कहा गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित या वित्त पोषित विद्यालयों में ग्रुप-सी के पदों पर 381 अवैध नियुक्तियां की गयी हैं। समिति ने विद्यालय सेवा आयोग (एसएससी) के चार पूर्व राज्य अधिकारियों और पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) के निवर्तमान अध्यक्ष के खिलाफ आपराधिक मुकदमे शुरू करने की सिफारिश की।