GEHLOT

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    जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने राज्य में पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (VAT) घटाने के लिए विपक्षी दलों के बढ़ते दबाव के बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से पेट्रोलियम उत्पादों (ईंधन) पर लगा उत्पाद शुल्क और कम करने का आग्रह किया ताकि लोगों को राहत मिले।

    बयान के अनुसार, गहलोत ने मोदी को लिखे पत्र में तेल कंपनियों को पेट्रोल-डीजल के मूल्य में निरंतर वृद्धि पर रोक लगाने के लिए पाबंद करने का आग्रह करते हुए कहा कि इन कंपनियों द्वारा रोज-रोज की जा रही बढ़ोतरी से केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा आमजन को दी गई राहत का लाभ शून्य हो जाएगा।

    वहीं राज्य में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गहलोत के बयान को नाटक बताते हुए कहा कि उनकी सरकार देश में इन ईंधन उत्पादों पर सबसे अधिक वैट वसूल रही है। भाजपा ने सवाल किया कि कांग्रेस शासित पंजाब सहित 25 राज्य जब पेट्रोल/डीजल पर वैट घटा चुके हैं तो राजस्थान सरकार क्यों नहीं घटा रही है?

    केंद्र सरकार ने ईंधन की रिकार्ड छूती कीमतों से उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए तीन नवंबर को उत्पाद शुल्क में पेट्रोल के लिए पांच रुपये व डीजल के लिए 10 रुपये की कमी की। गौरतलब है कि कांग्रेस शासित पंजाब द्वारा पेट्रोल की कीमत में 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत में 5 रुपये प्रति लीटर की कटौती किए जाने और ईंधन की कीमत दिल्ली, हरियाणा तथा राजस्थान से कम होने का विज्ञापन दिए जाने के बाद कीमतों को लेकर राजनीति गर्मा गई।

    गहलोत ने मांग की है कि केन्द्र सरकार उत्पाद शुल्क में पेट्रोल पर अतिरिक्त 10 रुपये प्रति लीटर व डीजल पर अतिरिक्त 15 रुपये प्रति लीटर की कमी करे। ऐसा होने पर राज्य के वैट में भी 3.4 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल पर तथा 3.9 रुपये प्रति लीटर डीजल पर आनुपातिक रूप से स्वतः कम हो जाएगा। बयान में उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप राज्य को प्रतिवर्ष 3500 करोड़ रुपये की राजस्व हानि होगी जिसे राज्य सरकार जनहित में वहन करने के लिये तैयार है।

    गहलोत ने कहा कि केन्द्र ने 2016 के बाद से पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले मूल उत्पाद शुल्क को कम कर राज्यों के साथ साझा किये जाने वाले हिस्से को घटा दिया गया तथा विशेष एवं अतिरिक्त उत्पाद शुल्क बढ़ाया है जिसका कोई हिस्सा राज्यों को नहीं मिलता। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्यों के कर हिस्से में लगातार कमी किया जाना वित्तीय संघवाद की भावना के विपरीत है।” उन्होंने कहा कि विभिन्न विकास योजनाओं के लिए आवश्यक राजस्व संग्रहण के लिए करारोपण करना राज्यों को संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार है।

    गहलोत ने कहा, ‘‘केन्द्र द्वारा पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त उत्पाद कर एवं विशेष उत्पाद कर को पहले अत्यधिक बढ़ाना एवं बाद में कम करके राज्यों से वैट कम कराने के लिए परस्पर प्रतिस्पर्धात्मक माहौल बनाना भी सहकारी संघवाद (कोपरेटिव फेडरेलिज्म) की भावना के विपरीत है।” उन्होंने कहा है कि कोविड लॉकडाउन के केन्द्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये व डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढ़ायाथा।

    उन्होंने कहा कि 2021 में पेट्रोल की कीमत करीब 27 रुपये एवं डीजल की कीमत करीब 25 रुपये बढ़ी। इसी साल पेट्रोल पर 5 रुपये एवं डीजल पर 10 रुपये कम कर जनता को राहत देने की बात की गई लेकिन वास्तविकता यह है कि राहत बहुत कम है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे में, केन्द्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में की गई कटौती अपर्याप्त प्रतीत होती है।

    गहलोत ने कहा कि राजस्थान राज्य के कुल राजस्व का 22 प्रतिशत से अधिक पेट्रोल-डीजल के वैट से आता है। राज्य सरकार 29 जनवरी, 2021 से अब तक पेट्रोल पर लगभग 3 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.8 रुपये प्रति लीटर की कटौती कर चुकी है। उन्होंने बताया कि इससे राज्य के राजस्व में 2800 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की हानि हो रही है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड से उत्पन्न हालात के कारण इस वित्त वर्ष में राज्य के राजस्व में अक्टूबर तक 20 हज़ार करोड़ रूपये की कमी आई है।  उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा राज्य को 5963 करोड़ रुपये का जीएसटी (माल एवं सेवा कर) पुनर्भरण उपलब्ध नहीं कराना भी इसका एक बड़ा कारण है। ऐसी स्थिति में भी हमारी सरकार ने कुशल वित्तीय प्रबंधन से प्रदेश में विकास की गति को कम नहीं होने दिया।  

     वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने इस मुद्दे पर गहलोत के बयान को ‘नौटंकी’ करार देते हुए कहा कि उन्हें वैट घटाना चाहिए। पूनियां ने ट्वीट किया, ‘‘प्रदेश में महंगी बिजली और पेट्रोल-डीजल पर सर्वाधिक वैट वसूलने वाली गहलोत सरकार महंगाई के लिए केंद्र पर छींटाकशी करती है। ये नौटंकी छोड़, मुख्यमंत्री गहलोत कृपया प्रदेश की जनता को महंगाई से राहत दो।”

     वहीं विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए ट्वीट किया, ‘‘गहलोत जी, राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरों में कमी नहीं करने को लेकर आपका बार-बार वक्तव्य देना, पत्र लिखना दर्शाता है कि देश में सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल राजस्थान में है और आपकी वैट में कमी करने की कतई मंशा नहीं है। आप पहले महज कोरी चिंता ही जता रहे थे।’ (एजेंसी)