Chief Minister Hemant Soren assured to provide employment to 30 thousand youth in the next 6 months

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    – ओमप्रकाश मिश्र 

    रांची : झारखंड (Jharkhand) से बेरोजगारी (Unemployment) दूर करने की पहल पर राज्य के मुख्यमंत्री (Chief Minister) हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने आगामी 6 महीनों में राज्य के लगभग 30 हजार बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने का भरोसा दिलाया है।  इसी प्रयास में हेमंत सोरेन ने आज दुमका में “आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम”  के अंतर्गत प्रमंडल स्तर पर कैंप लगा कर मेगा परिसंपत्ति का वितरण किया। कैम्प में मुख्यमंत्री ने 11 अरब 27 करोड़ 52 लाख 91 हजार 884 रुपये की परिसंपति वितरित किया।

    इस अवसर पर उन्होंने कैंप में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के नौजवानों को रोजगार देने की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है। पहली बार विभिन्न विभागों की नियुक्ति नियमावली बनाई गई। इसमें आदिवासियों – मूल वासियों को सरकारी नौकरियों में तरजीह देने की व्यवस्था है। वहीं, राज्य में अवस्थित निजी कंपनियों में भी संचालकों को 75 प्रतिशत नौकरी स्थानीय लोगों को देने की व्यवस्था की गई है। 

    पुलिस नियुक्ति नियमावली में  बदलाव किया गया

    उन्होंने कहा कि पुलिस नियुक्ति नियमावली में  बदलाव किया गया है। अब पहले शारीरिक परीक्षा होगी फिर लिखित। उन्होंने कहा कि आने वाले 6 महीनों के अंदर 30 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत स्वरोजगार के लिए सब्सिडी पर 25 लाख रुपए तक का लोन सरकार दे रही है। इसलिए राज्य के नौजवान इस कार्यक्रम का हिस्सा बनें, क्योंकि जब आपके चेहरे पर मुस्कान होगी, आपको मान सम्मान मिलेगा, तभी सरकार की योजनाएं सफल होंगी।

    80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण परिवेश से आती है

    उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण परिवेश से आती है। ऐसे में जब गांव मजबूत होंगे, तभी प्रखंड, जिला और राज्य सशक्त बनेगा। इसी मकसद से राज्यवासियों की उम्मीदों, आकांक्षाओं और जरूरतों के हिसाब से कार्य योजनाएं बनाई जा रही है। जनहित से जुड़ी योजनाओं से कोई वंचित ना रहे, इसीलिए “आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से गांव – गांव और पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर आपकी समस्याओं का निष्पादन  और योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।

    अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति को भी मिले योजनाओं का लाभ 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की भौगोलिक संरचना थोड़ी जटिल है। सुदूर और दूर-दराज के गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को सरकारी कार्य अथवा योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रखंड या जिला मुख्यालय आना पड़ता है। यहां आने के बाद भी अगर उनका कार्य नहीं हो पाता है तो उन्हें काफी मानसिक पीड़ा होती है। वे योजनाओं का लाभ लेने के बारे में सोचना भी छोड़ देते हैं। इसी बात को ध्यान में रखकर सरकार आपके द्वार पर आकर कल्याणकारी योजनाओं से आपको जोड़ रही है।

    देश के अग्रणी राज्यों में झारखंड को लाएंगे 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए सरकार कृत संकल्प है। आप सभी के सहयोग से राज्य के विकास को गति दी जा रही है। हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं, जहां किसी के सामने रोजी रोटी का संकट नहीं होगा।

    कोरोना काल में भी जीवन – जीविका पर नहीं आने दिया संकट 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गठन के कुछ ही महीने हुए थे कि कोविड-19 महामारी ने हम सभी को अपनी गिरफ्त में ले लिया। लॉकडाउन लगा और लोग अपने घरों में कैद हो गए। सारी व्यवस्थाएं ठप हो गई। प्रवासी मजदूर अपने घर लौट आए। ऐसे में सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई। लेकिन, हमारी सरकार ने बेहतर प्रबंधन के जरिए लॉकडाउन के दौरान भी राज्य वासियों के जीवन- जीविका के लिए लगातार कार्य करती रही। कई योजनाएं धरातल पर उतारी गई और आज जब जीवन सामान्य होने की ओर अग्रसर है, तब भी उसका फायदा देखने को मिल रहा है। आगे भी गरीब आदिवासियों महिलाओं बुजुर्गों अल्पसंख्यकों और पिछड़ा वर्ग समेत समाज के सभी जरूरतमंद लोगों की खातिर योजनाएं बनाई जा रही हैं।

    सरकार की नई उद्योग नीति को उद्योग जगत की मिल रही सराहना 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई उद्योग और प्रोत्साहन नीति बनाई गई है। इस नीति को उद्योग जगत की काफी सराहना मिल रही है और वह यहां उद्योग लगाने की इच्छा जता रहे हैं। हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा उद्योग यहां स्थापित हो और स्थानीय लोगों को व्यापक रोजगार के अवसर मिले।

    महिला समूह के उत्पादों को सरकार खरीदेगी 

    हेमंत सोरेन ने कहा कि महिला मंडलों के द्वारा जो उत्पाद बनाए जा रहे हैं, उसके प्रमोशन और बाजार के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है। इसके तहत पलाश ब्रांड को व्यवसायिक रूप दिया जा रहा है, जिसमें उनके तमाम उत्पादों को सरकार खरीदने का काम कर रही है। इससे महिलाएं सशक्त और स्वावलंबी बनेंगी। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लोगों को अवगत कराया।

    किस जिले के कितने लाभुकों के बीच कितनी परिसंपत्ति का वितरण 

    समारोह में संथाल परगना प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले 6 जिलों के लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण हुआ। इसमें दुमका जिले के 3 लाख 24 हजार 998 लाभुकों के बीच 3 अरब 1 करोड़ 86 लाख 49 हजार 71 रुपए, पाकुड़ जिले के  2 लाख 83 हजार 178 लाभुकों के बीच 1 अरब 77 करोड़ 50 लाख 36 हजार 900 रुपए, गोड्डा जिले के  9 लाख 54 हज़ार 242 लाभुकों के बीच 1 अरब 82 करोड़ 94 लाख 27  हज़ार 819 रुपए, साहिबगंज जिले के 3 लाख 37 हजार 39 लाभुकों के बीच 1 अरब 71 करोड़ 28 लाख 82 हजार 426 रुपए, देवघर जिले के  9 लाख 22 हजार 650 लाभुकों के बीच 1 अरब 68 करोड़ 87 लाख 97 हजार 300 रुपए और जामताड़ा जिले के 23  हजार 652 लाभुकों के बीच 1 अरब 25 करोड़ 4 लाख 98 हजार 368  रुपए की परिसंपत्ति शामिल है। इस तरह कुल 28 लाख 45 हजार 759 लाभुकों के बीच 11 अरब 27 करोड़ 52 लाख 91 हजार 884 रुपए की परिसंपत्तियों का किया वितरण किया गया। शिविर में 1423 नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया । इस अवसर पर मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों द्वारा होड़ सोम्बाद संथाली पत्रिका का विमोचन किया गया।