Section 144

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    दिसपुर. पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) के खिलाफ की गई विवादित टिप्पणी के बाद देशभर में तनाव का माहौल है। देश के कई हिस्सों में पत्थरबाजी और हिंसा हुई जिसमें कुछ लोगों की जान गई। जबकि पुलिस वालों समेत कई लोग घायल हो गए। इसी बीच रविवार को असम के कछार और करीमगंज के बाद बोंगाईगांव (Bongaigaon) और हैलाकांडी (Hailakandi) जिलों में प्रशासन द्वारा सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है।

    निषेधाज्ञा के तहत जिले में पांच या अधिक व्यक्तियों के एक जगह पर एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और आग्नेयास्त्र ले जाने की अनुमति नहीं है। सभी तरह के जुलूस और रैली पर रोक लगा दी गई है तथा बिना अनुमति के माइक्रोफोन या लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है।

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    इससे पहले कछार और करीमगंज में धारा 144 लागू की गई थी। कछार जिला प्रशासन ने रविवार को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत विभिन्न प्रतिबंधों को लागू किया, जबकि पड़ोसी करीमगंज ने शुक्रवार को इसी तरह का आदेश जारी किया।

    अमन-चैन को खतरा

    आदेश जारी करते हुए कछार के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) दीपक जिदुंग ने कहा कि, “पिछले कुछ दिनों से जिले के विभिन्न हिस्सों में बड़ी रैलियों और विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भारी भीड़ जमा हुई है।” उन्होंने कहा कि कुछ व्यक्ति असामाजिक गतिविधियों में लिप्त हो सकते हैं और इससे जनता को परेशानी हो सकती है। एडीएम ने कहा, “ऐसी आशंका है कि इससे अमन-चैन को खतरा हो सकता है।”

    जुलूस, रैली पर प्रतिबंध

    करीमगंज के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट रिंटू चंद्र बोरो ने जुलूस, रैली, धरना के आयोजन, पर्चे, बैनर और पोस्टर के वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया, जो सार्वजनिक शांति को भंग कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘एक नेता के विवादित बयान के बाद देश भर में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किए गए हैं, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हुई है।”  

    कानून व्यवस्था की स्थिति पर पैनी नजर

    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार को कहा कि सरकार पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में हिंसा के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर पैनी नजर रखे हुए है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा और निष्कासित नेता नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित तौर पर विवादित टिप्पणी करने को लेकर देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए हैं।