Farmers becoming entrepreneurs through Didi Bari scheme
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    – ओमप्रकाश मिश्र

    रांची : झारखंड सरकार (Jharkhand Government) द्वारा राज्य (State) में चलाई जा रही दीदी बाड़ी योजना (Didi Bari scheme) पौधे से पेड़ बनने की ओर अग्रसर होने लगा है। प्रगतिशील किसान माइकल एक्का (Michael Ekka) खुद खेती करने के साथ अन्य किसानों (Farmers) को खेती के लिए प्रेरित भी करते हैं। गुमला के रायडीह स्थित सिलम गांव निवासी माइकल कड़ी मेहनत और राज्य सरकार के सहयोग से अपने क्षेत्र के किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ अपने परिवार को विकास के नए आयाम तक ले जाने की डगर पर अग्रसर हैं। 

    2021 में राज्य सरकार ने नरेगा योजनाओं में पौधे की मांग और गुणवत्तापूर्ण पौधे की राज्य में अपर्याप्तता के मद्देनजर नरेगा के तहत दीदी बाड़ी योजना को धरातल पर उतारा। इसके माध्यम से सरकार राज्य के किसानों को एक उद्यमी के रूप में भी तैयार करने काी मंशा रखती थी। इस योजना के तहत राज्य के प्रशिक्षित किसानों को पौधा तैयार करने का अवसर मिला और सरकार ने पौधे की खरीदारी नरेगा योजना के तहत सुनिश्चित की। इससे किसान इस कार्यक्रम से जुड़े और उनके आत्मविश्वास को बल मिला। किसान इमारती पौधों शीशम, गम्हार, सागवान और आम के फलदार पौधे आम्रपाली, मालदा, मल्लिका और अन्य प्रजाति के पौधे तैयार कर सरकार को उपलब्ध कराने लगे। 

    माइकल की कड़ी मेहनत का मिला परिणाम 

    राज्य के अन्य किसानों के साथ माइकल एक्का को बागवानी और पौधा तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया गया। ताकि वह प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने लिए आय का जरिया बना सके। माइकल एक्का ने वर्ष 2021-22 में दीदी नर्सरी योजना के जरिये अपनी नर्सरी में शीशम, गम्हार, सागवान और आम के 8000 पौधे उगाया। इन पौधों को नरेगा के आम बागवानी योजना के तहत सरकार द्वारा क्रय कर लिया गया। इससे माइकल को 25 हजार रुपये की आमदनी हुई। दीदी बाड़ी योजना के माध्यम से माइकल एक्का के लिए अतिरिक्त आजीविका का साधन उपलब्ध हुआ, जिससे उन्हें घर की जरुरतों को पूरा करने में सहयोग मिल रहा है।