Governor and Chief Minister gave best wishes and congratulations to the students in the first convoc

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    ओमप्रकाश मिश्र 

    रांची. बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (Binod Bihari Mahto Koyalanchal University), धनबाद (Dhanbad) के प्रथम दीक्षांत (First Convocation) समारोह के आयोजन पर प्रसन्नता है, लेकिन ये प्रसन्नता तब और अधिक होती जब संक्रमण की विषम परिस्थितियां नहीं होती और मैं अपने प्यारे छात्र-छात्राओं के मध्य शामिल हो पाता, उनसे मिल सकता। दीक्षांत समारोह के दिन विद्यार्थियों के चेहरे पर मुस्कान, उनके उमंग और उनके उत्साह का क्षण दीक्षांत समारोह की गरिमा को और बढ़ा देता है।

    विश्वविद्यालय ज्ञान के केंद्र होते हैं, हमारे शिक्षण संस्थान भविष्य को गढ़ते हैं। ज्ञान और सूचना तकनीक के विभिन्न आयामों के जरिये ही हम विकास की गति को तीव्र कर सकते हैं। ये बातें राज्यपाल  रमेश बैस ने कही। राज्यपाल धनबाद स्थित बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में वर्चुअल माध्यम से शामिल होकर छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में हमारा प्रयास होगा कि  इस राज्य के अधिक-से-अधिक युवा उच्च शिक्षा ग्रहण करें। ज्ञानार्जन में जाति, धर्म, लिंग बाधक नहीं बनना चाहिये। प्रसन्नता का विषय है कि अब लडकियाँ न केवल उच्च शिक्षा ग्रहण करने के प्रति रूचि रख रही हैं, बल्कि अपनी प्रतिभा से वे उत्कृष्टता भी हासिल कर रही हैं। नारी सशक्तिकरण की दृष्टि से भी यह अहम है।

    उच्च शिक्षा के विस्तारीकरण हेतु आवश्यकतानुसार नये शिक्षण संस्थान भी स्थापित होने चाहिए। बैस ने कहा कि शिक्षा से ही लोगों में जागृति आ सकती है, और सामाजिक कुरीतियों का पूरी तरह से समाज से अंत हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षण संस्थानों की यह कोशिश होनी चाहिए कि विद्यार्थी नैतिकवान और चरित्रवान हों। इन अर्थों में देखें तो दीक्षांत समारोह शिक्षा का समापन नहीं, बल्कि आरंभ है। आज के वैश्विक परिवेश ने युवाओं को अनेक स्वर्णिम अवसर प्रदान किये हैं किंतु चुनौतियां भी कम नहीं है। हमारे विद्यार्थियों को इन चुनौतियों का समाधान करते हुए जीवन में सफलता के शिखर पर चढ़ना है। दीक्षांत समारोह में छात्र, छात्राओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री  हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड राज्य का कोयलांचल सिर्फ कोयला और लोहा के लिए ही नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाना जाएगा और नई ऊंचाइयों को स्थापित करेगा। आज दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त कर रहे सभी छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ।

    झारखंड के वीर शहीदों के सम्मान में शिक्षण संस्थान स्थापित किये जा रहें हैं। ऐसे ही झारखंड के उत्थान के लिए समर्पित स्वर्गीय बिनोद बिहारी महतो की याद और उनके सम्मान में बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी छात्रों को समर्पित किया गया है। आने वाले दिनों में सभी प्रमंडलों में स्थापित हो रहे यूनिवर्सिटी, कॉलेज और शिक्षण संस्थान झारखंड के बच्चों को बेहतर अवसर प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा शिक्षा के क्षेत्र में राज्य के छात्र उच्च स्थान प्राप्त कर रहें हैं, इसका श्रेय शिक्षकों, स्कूल और कॉलेज के प्रबंधन को जाता है। 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा प्रदान करने हेतु योजनाएं हैं। लेकिन संक्रमण के इस कालखंड ने इसे काफी हद तक प्रभावित कर रखा है। संक्रमण की गति धीमे पड़ते ही जीवन को सामान्य बनाकर योजनाओं को गति दी जाएगी। साथ ही, बेहतर शिक्षा की कार्य योजना के लिए सभी यूनिवर्सिटी के कुलपतियों के साथ राज्य सरकार जल्द चर्चा करेगी। हेमंत सोरेन ने कहा कि राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान यह पता चला कि राज्य में अमीन की पढ़ाई नहीं के बराबर कराई जा रही है। सोरेन ने इस क्षेत्र में पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले छात्रों को अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से इस कोर्स को शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने  बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति से विश्वविद्यालय में अमीन का कोर्स शुरू करने का आग्रह किया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अनुसूचित जनजाति के छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई है, जिसमें छात्रों की पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। वर्तमान में योजना सीमित दायरा में शुरू किया गया है। छात्रों के रुझान के अनुसार इस योजना का दायरा आने वाले समय में बढ़ाया जाएगा। छात्रों के रहने के लिए छात्रावास  बनाए जा रहे हैं। सैकड़ों की संख्या में जो जर्जर छात्रावास हैं, उन्हें पुनर्जीवित किया जा रहा है। करीब 500 ऐसे छात्रावासों को सुसज्जित करने का कार्य प्रारंभ हुआ है। संक्रमण का दौर घटते ही यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। सरकार संक्रमण की चुनौती को स्वीकार करते हुए बेहतर शिक्षा व्यवस्था स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।