कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के बीच बहस अब तेज हो गई है। इससे पहले ममता बनर्जी ने बुधवार को फिर राज्यपाल जगदीप धनखड़ का मजाक उड़ाते हुए कहा कि एक काउंसिलर का चुनाव नहीं जीते और उन्हें निर्देश देते हैं। ममता ने राज्यपाल की तुलना घोड़ा से की थी। वहीं, शाम को राज्यपाल ने सीएम पर पलटवार करते हुए कहा कि, बंगाल में कानून का राज नहीं है। उन पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि, जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है उससे मैं चिंतित हूँ कि राज्य किस दिशा में जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि, हाल ही में ममता बनर्जी ने राज्यपाल को अपने ट्विटर अकाउंट पर ब्लॉक कर दिया। जिसके बाद राज्यपाल ने यह सवाल किया था कि सीएम ने उन्हें पिछले दो सालों से सूचना देना ब्लॉक कर रखा है, लेकिन कोई कानून को ब्लॉक नहीं कर सकता है।
Their performance is turning out to be a big challenge to democratic governance; if it's not in accordance with the rule of law in WB, I step in: West Bengal Governor Jagdeep Dhankhar pic.twitter.com/eWoUG5ltN1
— ANI (@ANI) February 2, 2022
राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि, “बंगाल के कानून के अनुसार शासन नहीं होने पर मैं कदम उठाऊंगा। ममता बनर्जी ने संविधान के अनुसार काम करने की शपथ ली है। ममता बनर्जी से सवाल करता हूं कि ऐसा क्या उन्होंने लिखा है कि जो संविधान के अनुसार नहीं है। गलत भाषा का इस्तेमाल किया है। मैं बंगाल में निवेश चाहता हूं, लेकिन निवेश तभी आएगा, जब कानून का शासन हो। चुनाव के बाद हिंसा की शर्मनाक घटना घटी है। इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने जांच की थी।”
धनखड़ ने कहा, ”कानून का राज नहीं है, शासन का राज है। यह व्यवस्था मानवता के सिद्धांत पर कुठाराघात हुआ है। वह आरोप लगा रही हैं। राजभवन में टेलीफोन टेप का आरोप लगाया जा रहा है कि वर्तमान सरकार के कारण राज्य के लोग केवल व्हाट्सएप पर फोन करते हैं। सभी को डर है, डर के कारण कोई भी अपनी भावना प्रकट नहीं कर पाते हैं। यह प्रजातंत्र के लिए ठीक नहीं है।”
धनखड़ ने एएनआई से कहा, ‘मेरी मेज पर कोई फाइल लंबित नहीं है। यदि कोई लंबित मुद्दे हैं, तो उनकी सरकार को जवाब देना होगा। उनका यह बयान कि मैं हर दिन ताज बंगाल से खाना मंगवाता हूं, तथ्यात्मक रूप से गलत है। मैं मुख्यमंत्री से राज्यपाल के एक भी दस्तावेज/ट्वीट को इंगित करने के लिए कहता हूं जो अपमानजनक और अनुचित है।’
उन्होंने कहा, ‘यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और लोकतंत्र के लिए एक चुनौती है कि मीडिया ने सीएम (ममता बनर्जी) से सवाल नहीं किया। उन्होंने जो कहा उसकी मेरी कोई विश्वसनीयता नहीं है। उन्होंने बेतहाशा आरोप लगाया कि राज्यपाल उन्हें हर दिन ट्वीट करते हैं। मैंने एक भी ट्वीट नहीं भेजा।’
बता दें कि, ममता बनर्जी ने दो दिन पहले राज्यपाल को ट्विटर पर ब्लॉक कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने कहा था, “मुझे ट्विटर पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को ब्लॉक करने के लिए मजबूर किया गया है। हर दिन वह सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाने और धमकी देने वाले ट्वीट जारी कर रहे थे जैसे कि हम उनके बंधुआ मजदूर हैं।”