Violence During Panchayat Polls in West Bengal
PTI/ANI Photo

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कोलकाता. पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) के लिए शनिवार को जारी मतदान के बीच चुनाव संबंधी हिंसा में 15 से अधिक लोग मारे गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक मारे गए लोगों में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के छह लोग शामिल है। जबकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के एक-एक कार्यकर्ता और एक अन्य व्यक्ति शामिल है, जिसकी पहचान उजागर नहीं हो सकी है। अधिकारियों के मुताबिक, हिंसक झड़पों में कई लोग घायल भी हुए हैं। इसके अलावा, राज्य के कई हिस्सों में मतदान केंद्रों पर मतपेटियों को आग के हवाले कर नष्ट किए जाने की खबरें हैं।

पोलिंग बूथ पर बमबारी

मालदा जिले के इंग्लिश बाजार के नागहरिया इलाके में बूथ संख्या 25 और 26 पर पथराव और बम फेंके जाने की खबर है। मौके पर पुलिसकर्मी मौजूद है। कुछ लोगों के घायल होने की सूचना दी गई है। वहीं, फुलमलंछा बसंती पोलिंग स्टेशन में एक व्यक्ति की बम धमाके में मौत होने की खबर है। दक्षिण 24 परगना के SDPO (कैनिंग जोन) दिबाकर दास ने कहा, “हमें शक है कि उसकी मृत्यु हो गई है लेकिन उस पर कुछ भी कहने से पहले उसको अस्पताल भेजा है जहां डॉक्टर ही बताएंगे। यहां एक बम फेंका गया था जो व्यक्ति के सीधे सिर में लगा। व्यक्ति की उम्र करीब 30 साल है।”

TMC के गुंडों 15 से अधिक लोगों को मार डाला

चुनाव संबंधी हिंसा पर पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “राज्यपाल ने राजीव सिन्हा (राज्य चुनाव आयुक्त) को नियुक्त करके सबसे बड़ी गलती की। दोपहर के तीन बजे हैं और 15 से अधिक लोग मारे गए हैं, उन्हें टीएमसी के गुंडों ने मार डाला। केंद्र को अनुच्छेद 355 या 356 में हस्तक्षेप करना चाहिए। हम संविधान के संरक्षक से कार्रवाई चाहते हैं।”

सुबह सात बजे शुरू हुआ मतदान

बता दें कि राज्य के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीटों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ था। 5.67 करोड़ मतदाता लगभग 2.06 लाख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करने वाले थे लेकिन हिंसा के चलते कई लोगों ने मतदान नहीं किया है। लोगों का आरोप है कि उन्हें गुंडों द्वारा मतदान करने के लिए नहीं जाने को कहा जा रहा था।

कूचबिहार में भाजपा के मतदान एजेंट की हत्या

अधिकारियों के अनुसार, कूचबिहार जिले की फलीमारी ग्राम पंचायत में भाजपा के मतदान एजेंट माधव बिस्वास की कथित तौर पर हत्या कर दी गई। भाजपा ने आरोप लगाया कि जब बिस्वास ने मतदान केंद्र में प्रवेश करने की कोशिश की, तो तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने उन्हें रोका और विवाद बढ़ने पर उन्होंने बिस्वास की हत्या कर दी। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों से इनकार किया है।

उत्तरी 24 परगना में निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थक को पीट-पीटकर मार डाला

पुलिस के अनुसार, उत्तरी 24 परगना जिले के कदंबगाछी इलाके में शुक्रवार देर रात एक निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थक को पीट-पीटकर मार डाला गया। पुलिस अधीक्षक भास्कर मुखर्जी ने पत्रकारों से कहा कि 41 वर्षीय अब्दुल्ला अली की मौत हो गई है। लेकिन बाद में बारासात अस्पताल के अधीक्षक ने कहा कि अली गंभीर रूप से घायल है और वह वेंटिलेटर पर है, उसकी मौत नहीं हुई है। 

मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में TMC कार्यकर्ता की हत्या

अधिकारियों ने कहा कि मुर्शिदाबाद जिले के कापासडांगा इलाके में देर रात चुनाव संबंधी हिंसा में तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पहचान बाबर अली के रूप में हुई है। जिले के खारग्राम इलाके में तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई, जिसकी पहचान सबीरूद्दीन एसके के रूप में हुई है। तृणमूल कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि कूचबिहार की तूफानगंज 2 पंचायत समिति में उसका एक बूथ समिति सदस्य भाजपा के हमले में मारा गया। 

मालदा में हिंसक झड़प में मारा गया TMC नेता

पुलिस ने बताया कि मालदा जिले में कांग्रेस समर्थकों के साथ झड़प में तृणमूल कांग्रेस के एक नेता का भाई मारा गया। उन्होंने बताया कि घटना मानिकचक थाना क्षेत्र के जिशारतटोला में हुई और मृतक की पहचान मालेक शेख के रूप में की गई है। तृणमूल कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि नादिया के छपरा में उसके एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। 

नादिया में आईएसएफ के कार्यकर्ता झड़प में मारा गया

पुलिस ने कहा कि नादिया जिले के हरिणघाट इलाके में तृणमूल कांग्रेस के साथ झड़प में आईएसएफ का एक कार्यकर्ता मारा गया। पीड़ित की पहचान 48 वर्षीय सैदुल शेख के रूप में हुई है। तृणमूल कांग्रेस की नादिया इकाई के अध्यक्ष देबाशीष गांगुली ने दावा किया कि घटना उस वक्त हुई जब आईएसएफ कार्यकर्ताओं ने तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर देसी बम फेंका। उन्होंने दावा किया, ‘‘एक बम उनके हाथ से छिटककर गिर गया और उसमें विस्फोट हो गया।” हालांकि, शेख के परिवार ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के हमले में वह मारा गया। 

दक्षिण 24 परगना, मुर्शिदाबाद और पूर्व बर्द्धमान में चार लोगों की मौत

पुलिस ने बताया कि दक्षिण 24 परगना जिले के बसंती में 38 वर्षीय व्यक्ति की हत्या कर दी गई। घटना फुल्मालांचा इलाके में हुई और मृतक की पहचान अनिसुर के रूप में हुई है। मुर्शिदाबाद के रेजीनगर थाना क्षेत्र में चुनाव संबंधित हिंसा में कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की कथित रूप से हत्या कर दी गई। मारे गए कार्यकर्ता की पहचान यासमिन एसके के रूप में हुई है। पूर्व बर्द्धमान जिले के औशग्राम 2 ब्लॉक में तृणमूल कांग्रेस समर्थकों के हमले में माकपा के रजिबुल हक गंभीर रूप से घायल हो गए। एक अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जिले के कटावा इलाके में माकपा समर्थकों ने एक मतदान केंद्र के बाहर उसके एक समर्थक को मार डाला। मृतक की पहचान गौतम रॉय के रूप में हुई है।

मतपेटियों को किया नष्ट, लगाई आग

वहीं, कुछ इलाकों से मतपेटियों को नष्ट करने और मतदाताओं को धमकाने की भी खबरें आईं। अधिकारियों के अनुसार, कूच बिहार जिले के दिनहाटा में बारविटा सरकारी प्राथमिक विद्यालय के एक मतदान केंद्र पर मतपेटियों को तोड़ा गया और मतपत्रों में आग लगा दी गई। उन्होंने बताया कि बरनाचिना क्षेत्र के एक अन्य मतदान केंद्र पर स्थानीय लोगों ने गलत मतदान का आरोप लगाते हुए मतपत्रों के साथ एक मतपेटी को भी आग के हवाले कर दिया। केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग को लेकर विभिन्न इलाकों में विरोध-प्रदर्शन भी किए गए। नंदीग्राम में महिला मतदाताओं ने हाथों में जहर की बोतलें लेकर एक पुलिस अधिकारी का घेराव किया और मांग की कि इलाके में केंद्रीय बल तैनात किए जाएं। 

राज्यपाल ने हिंसा में घायल लोगों से की मुलाकात

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने उत्तर 24 परगना के विभिन्न इलाकों का दौरा कर हिंसा में घायल लोगों से मुलाकात की और उनकी शिकायतें सुनीं। बोस ने पत्रकारों से कहा, “रास्ते में लोगों ने मुझसे मेरा काफिला रोकने का अनुरोध किया। बताने के लिए बहुत सारी कहानियां हैं, उन्होंने मुझे अपने आस-पास हो रही हत्या की घटनाओं के बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि गुंडों ने उन्हें मतदान केंद्रों पर जाने की अनुमति नहीं दी और पीठासीन अधिकारियों ने उनकी बात नहीं सुनी। ये छिटपुट मामले हैं, लेकिन रक्तपात की एक भी घटना हम सभी के लिए चिंता का कारण होनी चाहिए।” राज्यपाल ने कहा, “यह लोकतंत्र के लिए सबसे पावन दिन है। ये छिटपुट घटनाएं हैं, लेकिन इन पर विराम लगना चाहिए।”

TMC ने केंद्रीय बल पर उठाए सवाल

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने सवाल किया कि केंद्रीय बल कहां हैं, जिन्हें चुनाव के लिए लाया गया था। राज्य के मंत्री शशि पांजा ने पूछा, ‘‘बीती रात से चौंकाने वाली घटनाओं की सूचना मिल रही है। भाजपा, माकपा और कांग्रेस ने साठगांठ की थी और केंद्रीय बलों की मांग की थी। आखिर वे कहां तैनात हैं? तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है। केंद्रीय बल कहां है?” 

तृणमूल कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि कूचबिहार के गीतालदाहा के एक सीमावर्ती गांव में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कर्मियों ने हंगामा करने की कोशिश की और चुनाव प्रक्रिया को बाधित किया। माकपा के प्रदेश सचिव मोहम्मद सलीम ने मैदान में रखी खुली मतपेटियों का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, “मतदान खत्म हो गया है। एक मतदान केंद्र में मतपत्रों, मतपेटियों की स्थिति। वैसे यह तस्वीर डायमंड हार्बर की है।”

चुनाव के लिए 70,000 पुलिस कर्मी और केंद्रीय बलों की 600 कंपनियां तैनात

पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए राज्य पुलिस के करीब 70,000 कर्मियों के अलावा केंद्रीय बलों की 600 कंपनियां तैनात की गई हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा करते हुए आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) पश्चिम बंगाल में भेजे गए केंद्रीय बलों को तैनात करने के लिए अनिच्छुक था। उन्होंने पूछा, “एक तरफ एसईसी केंद्रीय बलों की तैनाती को अनिच्छुक था। दूसरी तरफ असैन्य कार्यकर्ताओं को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया गया था। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि राज्य सरकार और एसईसी ने अदालत की आंख में धूल झोंका है। क्या एसईसी चुप रहकर बूथ पर कब्जा जमाने में तृणमूल के गुंडों की मदद कर रहा है?”

पंचायत चुनाव राजनीतिक दलों के लिए काफी अहम

राज्य के 22 जिलों में ग्राम पंचायत की 63,229 सीटें और पंचायत समिति की 9,730 सीटें हैं, जबकि 20 जिलों में 928 जिला परिषद सीटें हैं। रुक-रुककर हो रही बारिश के बीच सुबह छह बजे से ही मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस जिला परिषदों की सभी 928 सीटों, पंचायत समितियों की 9,419 सीटों और ग्राम पंचायतों की 61,591 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा ने 897 जिला परिषद सीटों, पंचायत समिति की 7,032 सीटों और ग्राम पंचायतों की 38,475 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। माकपा 747 जिला परिषद सीटों, पंचायत समिति की 6,752 सीटों और ग्राम पंचायत की 35,411 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस 644 जिला परिषद सीटों, पंचायत समिति की 2,197 सीटों और ग्राम पंचायत की 11,774 सीटों पर किस्मत आजमा रही है। 

पंचायत चुनाव राजनीतिक दलों के लिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि यह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उनके संगठन की क्षमता और कमजोरी के बारे में आकलन करने का एक अवसर देगा। इसके अलावा, यह चुनाव तृणमूल कांग्रेस सरकार के लगातार तीसरे कार्यकाल के शुरुआती दो वर्षों को लेकर राज्य के मिजाज को भी रेखांकित करेगा। (एजेंसी इनपुट के साथ)