Hemant Sarkar wants to end constitutional powers under wrong politics by misinterpreting it Mayor

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    ओमप्रकाश मिश्र 

    रांची. रांची महानगरपालिका (Ranchi Municipal Corporation) की मेयर डॉ. आशा लकड़ा (RMC Mayor Asha Lakra) के नेतृत्व में कई नगर निकायों के जन प्रतिनिधियों ने राज्यपाल (Governor) से मिलकर उन्हें राज्य सरकार और महाधिवक्ता द्वारा लिए गए गलत निर्णय से सम्बन्धित एक ज्ञापन सौंपाI सौपे गए ज्ञापन में राज्य सरकार पर आरोप लगाया गया है कि महापौर/ अध्यक्ष के संवैधानिक शक्तियों को गलत तरीके से परिभाषित कर खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। ज्ञात हो कि विगत 9 सितम्बर  को महाधिवक्ता की राय प्रेषित कर नगर विकास विभाग ने राज्य के सभी नगर निगम/नगर परिषद और नगर पंचायतों को निर्देश दिया है कि नगर आयुक्त/कार्यपालक पदाधिकारी महाधिवक्ता की राय का पालन करें। उन्होंने राज्यपाल से कहा कि हेमंत सरकार शहर की सरकार को उसके अधिकारों से वंचित कर पंगु बनाने का प्रयास कर रही है। 

    ज्ञापन के जरिए राज्यपाल को बताया गया कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा-23(2)(ए) में प्रावधान है कि नगर निगम का पीठासीन पदाधिकारी मेयर होगा। इसके अलावा धारा-24(3) में प्रावधान है कि मेयर स्थाई समिति का पीठासीन पदाधिकारी होगा। धारा-26 मेयर और अध्यक्ष पद के लिए चुनाव का तरीका प्रदान करता है। साथ ही धारा-31 में यह प्रावधान है कि महापौर और अध्यक्ष इस अधिनियम में निहित सभी शक्तियों का प्रयोग करेंगे। इसलिए मेयर निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में नगर निगम के कामकाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका है। नगर निगम के विभिन्न कार्यों के लिए मेयर और अध्यक्ष को कई मत्वपूर्ण शक्तियां प्रदान की गई हैं।

    दिशा-निर्देश न्यायसंगत नहीं 

    आशा लकड़ा ने राज्यपाल से आग्रह करते हुए कहा कि उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाए। विभागीय स्तर पर महाधिवक्ता की राय पर राज्य सरकार के द्वारा जो दिशा-निर्देश दिए गए हैं, वह न्यायसंगत नहीं है उस निर्णय पर अविलम्ब संज्ञान लिया जाय। मेयर डॉ. आशा लकड़ा ने बताया कि राजपाल ने उनकी बातों को सुनने के बाद कहा कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 में महापौर/अध्यक्ष को प्रदत्त शक्तियों को राज्य सरकार के महाधिवक्ता नहीं बदल सकते। अध्यक्षीय प्रणाली में अध्यक्ष को ही एजेंडा तय करने व परिषद् बैठक में निष्पादित करने का अधिकार है। 

    राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

    गौरतलब है कि आशा लकड़ा के महापौर बनने के बाद से लगातार नगर आयुक्त और महापौर के बीच वैमनस्यता की स्थिति बनी हुई है I आशा लकड़ा द्वारा आहूत किसी भी कार्यक्रम में बहाना बनाकर नगर आयुक्त ने अप्रत्यक्ष रूप से विरोध ही किया है आशा लकड़ा के अनुसार, नगर आयुक्त और उनके अधिनस्त पदाधिकारियों और कर्मचारियों के ऐसे रवैये से महानगरपालिका के विकास के सारे काम ठप पड़े हुए हैI उन्होंने यह भी कहा की अब तो सरकार भी ऐसे लोगों का साथ देने लगी है ऐसी स्थिति में शहर का विकास संभव ही नहीं होगाI राज्यपाल को ज्ञापन सौपने गए प्रतिनिधिमंडल में मेदिनीनगर की मेयर अरुणा शंकर, पाकुड़ नगर परिषद की अध्यक्ष सांप साहा, लातेहार नगर पंचायत की अध्यक्ष सीतामणी तिर्की, गोड्डा नगर परिषद के अध्यक्ष जितेंद्र मंडल, खूंटी नगर पंचायत के अध्यक्ष अर्जुन पाहन, रामगढ़ नगर परिषद के अध्यक्ष योगेश बेदिया और उपाध्यक्ष मनोज कुमार महतो समेत अशोक प्रसाद, अनूप साहू और संदीप आनंद शामिल थे।