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    गुवाहाटी: असम (Assam) के दरंग जिले (Darang District)  में अतिक्रमण हटाने को लेकर लगातार बवाल शुरू है। गुरुवार को हुई पुलिस और लोगों की झड़प में दो लोगों की मौत हो गई हैं, वहीं 11 से ज्यादा पुलिस वाले घायल हो गए हैं। सिझापर में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सरमा (Hemanta Biswa Sarma) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि, “सिपाझार में अतिक्रमण हटाने (Encroachment Removal) का अभियान लगातार जारी रहेगा।”

    पुलिस ने बचाव में चलाई गोली 

    पुलिस की गोली में दो लोगों की मौत पर सरमा ने कहा, “बेदखली अभियान एक सहमत सिद्धांत के साथ शुरू किया गया था … भूमि नीति के अनुसार प्रत्येक भूमिहीन को 2 एकड़ प्रदान किया जाएगा, प्रतिनिधियों ने सहमति व्यक्त की।”

    उन्होंने कहा, “हमें किसी प्रतिरोध की उम्मीद नहीं थी लेकिन लगभग 10,000 लोगों ने असम पुलिस का घेराव किया, हिंसा का इस्तेमाल किया, फिर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। इस हिंसा में हमारे 11 पुलिस कर्मी घायल हुए हैं।”

    जारी रहेगा अतिक्रमण 

    हिंसा के बाद अतिक्रमण जारी रखने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, “हां हम अभियान को जारी रखेंगे. हम आपको 30, 40 एकड़ जमीन ऐसे ही आवंटित नहीं करनी है, बाकी कहां जाएंगे? लेकिन हां, मैं उनसे एक बार फिर बात करूंगा, लोगों को निकालने के लिए पुलिस को शामिल करना महत्वपूर्ण नहीं है, बातचीत से मदद मिलती है “

    मंदिर के जमीन पर किया कब्ज़ा

    उन्होंने आगे कहा, “आप एक वीडियो से राज्य सरकार को नीचा नहीं दिखा सकते…1983 से वह इलाका हत्याओं के लिए जाना जाता है… वरना आम तौर पर लोग मंदिर की जमीन पर कब्जा नहीं करते। मैंने चारों तरफ अतिक्रमण देखा है। शांतिपूर्ण निष्कासन अभियान पर सहमति बनी, लेकिन किसने उकसाया?”

    सीआईडी जांच के आदेश

    वहीं अधमरे व्यक्ति पर कूदने वाले फोटो पत्रकार पर सरमा ने कहा, “हम इस बात की जांच करेंगे कि कैमरामैन घटनास्थल पर कैसे आया, और उसने उस व्यक्ति पर काबू पाने की कोशिश क्यों की… हमने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।”

    चार महीने से इसकी चर्चा शुरू थी 

    विपक्ष के आरोप पर पाटवार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “यह (बेदखली अभियान) अत्यावश्यक था। यह रातों-रात नहीं हुआ, 4 महीने से चर्चा चल रही थी। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मुझसे मुलाकात की और भूमिहीनों को भूमि आवंटन पर सहमति व्यक्त की … 27,000 एकड़ भूमि का उत्पादक उपयोग किया जाना चाहिए … एक मंदिर था, जिस पर भी अतिक्रमण किया गया था।”