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कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को सवाल किया कि यदि राहुल गांधी को एक समुदाय के बारे में उनकी टिप्पणी के लिए लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जा सकता है, तो महिलाओं की भावनाओं को आहत करने के लिए इसी तरह की कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ क्यों नहीं की जा सकती।

उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के खिलाफ तंज करके प्रधानमंत्री ने महिलाओं की भावनाओं को आहत किया है। टीएमसी के महासचिव यहां शहीद मीनार मैदान में आयोजित एक रैली को संबोधित कर रहे थे।  उन्होंने पार्टी के विधिक प्रकोष्ठ से कहा कि वह पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ एक मामला दर्ज कराये। उन्होंने मांग की है कि जनजातीय समुदाय की एक महिला मंत्री का ‘अपमान’ करने के मामले में विधानसभा की सदस्यता से शुभेंदु को अयोग्य ठहराया जाये।

अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं गांधी की टिप्पणी का समर्थन नहीं कर सकता, लेकिन जिस तरह से उन्हें लोकसभा से अयोग्य ठहराया गया, मैं उसकी निंदा करता हूं। ऐसे में वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान ‘दीदी ओ दीदी’ के तंज से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की खिल्ली उड़ाकर महिलाओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री को अयोग्य क्यों नहीं ठहराया जाए? हम मांग करते हैं कि उस मामले में भी कार्रवाई की जाए।”

डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक ने कहा कि अधिकारी ने कहा था कि मंत्री बीरबाहा हांसदा की जगह उनके जूते के नीचे है। उन्होंने कहा कि ऐसा कहकर उन्होंने जनजातीय समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचायी। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह अनुसूचित जनजाति का अपमान करने के समान नहीं है? अभिषक ने कहा कि जनजातीय समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने पर अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? उन्हें मांग की है कि अधिकारी को एक विधायक के रूप में अयोग्य ठहराया जाए।

अभिषेक ने एक वायरल वीडियो क्लिप का हवाला दिया, जिसमें पिछले साल अधिकारी को कथित तौर पर लोगों के एक समूह को यह कहते हुए सुना गया था, “देबनाथ हांसदा और बीरबाहा हांसदा बच्चे हैं। उनकी जगह मेरे जूते के नीचे है।”  हालांकि, ‘पीटीआई-भाषा’ वीडियो क्लिप की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। हांसदा ने अधिकारी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।  (एजेंसी)