In the review meeting, the governor expressed his displeasure, said - how would the university run with so few teachers

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    – ओमप्रकाश मिश्र 

    रांची : राज्यपाल-सह-झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों (Jharkhand State Universities) के कुलाधिपति (Chancellor) रमेश बैस (Ramesh Bais) ने सभी विश्वविद्यालयों को समयबद्ध (Time Bound Manner) होकर कार्य करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय बैठक में दिए गए निर्देशों का हर हाल में अनुपालन सुनिश्चित करें। कार्यप्रणाली में किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में रोस्टर क्लियरेंस एक अहम समस्या है। इस दिशा में उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग (Department of Higher and Technical Education) गंभीरता पूर्वक ध्यान दें। 

    उन्होंने विश्वविद्यालयों को भी आधे-अधूरे जानकारी के साथ कोई भी तथ्य प्रेषित नहीं करने का  निर्देश दिया और कहा कि सभी कार्य प्रतिबद्धता के साथ करें। राज्यपाल आज राज भवन में विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा कर रहे थे। राज्यपाल ने बैठक में कहा कि विश्वविद्यालयों में बहुत से प्रशासनिक पदाधिकारी के पद रिक्त हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय सुचारू रूप से कैसे कार्य कर सकता है। उन्होंने कहा कि पद रिक्तियों की समस्या दूर करने के लिए विश्वविद्यालय को समय पर अधियाचना प्रेषित करना चाहिए। उन्होंने घंटी आधारित शिक्षकों को नियमित भुगतान के लिए निर्देश भी दिया। 

    बेहतर विकल्प पर विचार किया जा सकता है

    उन्होंने कहा कि किसी के सेवानिवृत्त और सेवावधि समाप्त होने के उपरांत उनके पास कुछ नामों के सुझाव के साथ नियुक्ति/मनोनयन के लिए प्रेषित की जाती है। समय पर प्रस्ताव प्राप्त नहीं होता है। यदि समय पर प्रस्ताव प्राप्त हो तो बेहतर विकल्प पर विचार किया जा सकता है। कभी-कभी ऐसा प्रतीत होता है कि विश्वविद्यालयों द्वारा जान-बूझकर ऐसा किया जाता है। विश्वविद्यालय भविष्य में ऐसा कतई न करें। मैं राज्य में उच्च शिक्षा के विकास के प्रति प्रतिबद्ध हूं। झारखंड शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़े, मेरी पूर्णतः इच्छा है लेकिन जब मैं समीक्षा बैठक करता हूं तो शिक्षण संस्थानों में इतनी रिक्तियां देखकर सिर्फ दुःख ही नहीं होता है बल्कि आश्चर्य भी होता है कि इतने कम शिक्षकों/कर्मियों से विश्वविद्यालय कैसा चलता होगा। 

    विकसित करने के लिए कार्य करने का निर्देश

    राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रहित का सदैव ध्यान रखें,  किसी कार्य को लम्बित नहीं रखें। उन्होंने शिक्षण संस्थानों को शीघ्र ही वाईफाई की सुविधा से युक्त करने के निर्देशित किया। उन्होंने सभी विश्वविद्यालय वित्तीय अंकेक्षण का कार्य अद्यतन करने का आदेश देते हुए कहा कि हमारे अधिकारियों की शिथिलता के कारण शिक्षण संस्थानों में अतिक्रमण देखा जा रहा है जो अत्यंत गंभीर विषय है। शिक्षण संस्थानों में अतिक्रमण होने पर शीघ्रता से कार्रवाई करें और उन्हें  अतिक्रमणमुक्त कराएं। उन्होंने सभी को शिक्षण संस्थान में बेहतर माहौल स्थापित करने की दिशा में समर्पित भाव से कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान के रूप में विकसित करने के लिए कार्य करने का निर्देश दिया। राज्यपाल द्वारा सभी विश्वविद्यालयों को शिक्षाहित में बेहतर पुस्तकालय स्थापना के लिए गंभीरतापूर्वक ध्यान देने के लिए कहा। 

    राज्यपाल ने बैठक में कहा कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय का लाभ राज्य के किसानों को मिले। किसानों को यहां के विश्वविद्यालय सस्ते में उन्न्त बीज सुलभ कराने के लिए प्रयास करें।  उन्होंने विश्वविद्यालय को ग्राफ्टिंग, शोध आदि पर और भी ध्यान देने के लिए निर्देश दिया।

    विशेषज्ञ के अभाव में नियुक्ति नहीं हो पा रही 

    बैठक में उपस्थित  झारखंड लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष  अमिताभ चौधरी ने कहा कि जैसे-जैसे झारखंड लोकसेवा आयोग को अधियाचना प्राप्त होते हैं,  वैसे-वैसे नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ की जाती है। बहुत से विषयों में विशेषज्ञ के अभाव में नियुक्ति नहीं हो पा रही है। राज्य के 48 महावविद्यालयों में प्राचार्य नहीं है, यह गंभीर मामला है। झारखंड लोक सेवा आयोग को स्टैच्यूट के तहत मात्र 17 प्राचार्यों की नियुक्ति के लिए अधियाचना मिली है। सभी विश्वविद्यालयों द्वारा नियुक्ति के लिए नए स्टैच्यूट के तहत अधियाचना नहीं प्रेषित की गई है।

    बैठक में झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी, अपर मुख्य सचिव, उच्च और  तकनीकी शिक्षा के.के. खंडेलवाल, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव  शैलेश कुमार सिंह, प्रधान सचिव, योजना और वित्त अजय कुमार सिंह, प्रधान सचिव, कार्मिक प्रशासनिक सुधार और राजभाषा  वंदना डाडेल, सचिव, भवन निर्माण  सुनील कुमार, उच्च शिक्षा निदेशक और सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति/प्रभारी कुलपति अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।