Jharkhand will now dominate on foreign soil, know what is special

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    – ओमप्रकाश मिश्र

    रांची : झारखंड (Jharkhand) का प्राकृतिक सौंदर्य (Natural Beauty), आदिवासी संस्कृति और परंपरा, महिला सशक्तिकरण, कृषि स्वयं सहायता समूह प्रणाली आदि पर आधारित डॉक्यूमेंट्री (Documentary) जमैका में दिखाई जाएगी।

    जमैका (Jamaica) से आई 2 सदस्यीय टीम ने झारखंड के खूंटी और रांची जिले (Ranchi District) का दौरा किया। टीम (Team) ने झारखंड (Jharkhand) के विभिन्न पर्यटन स्थलों, यहां के आदिवासियों (Tribals) की संस्कृति और उनकी परंपरा, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं (Ladies) की कार्यप्रणाली, कृषि आदि की जानकारी हासिल की।

    पीबीसीजे के सदस्यों ने किया दौरा

    जमैका के 2 सदस्यीय टीम में कैरोल फ्रांसिस और अरलो फिडलर शामिल थे। दोनों जमैका की जनसंपर्क प्रणाली पीबीसीजे के सदस्य हैं।

    महिला सशक्तिकरण और झारखंड की खूबसूरती कैमरे में किया कैद

    जमैका की टीम ने पहले दिन झारखंड के प्राकृतिक सौंदर्य को अपने कैमरे में कैद किया। टीम ने खूंटी में दशम फॉल का दृश्य देखा। इसके बाद सिलादोन में वन धन विकास केंद्र के माध्यम से किए जा रहे लाह उत्पाद, पलाश के अंतर्गत विभिन्न उत्पादों के निर्माण कार्य को अपने कैमरे में कैद किया और महिलाओं से उनके जीवन में आए बदलाव पर चर्चा की। आदिवा ब्रांड के अंतर्गत निर्मित किए जा रहे पारंपरिक जेवर को भी टीम ने देखा। महिला सशक्तिकरण किस तरह झारखंड में महिलाओं के जीवन में बदलाव ला रहा है, इसे जानने टीम गुटजोरा स्थित आजीविका संसाधन केंद्र पहुंची। वहां सखी मंडलों द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे सूक्ष्म टपक सिंचाई, पॉली नर्सरी बागवानी, चूजों की हार्डनिंग सेंटर को भी देखा।

    दौरे के दूसरे दिन जमैका की टीम ने नामकुम प्रखंड के रामपुर पंचायत, सिदरौल और लालखटंगा का दौरा किया। यहां टीम ने मनरेगा अंतर्गत चलाई जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन को करीब से देखा। ग्रामीण परिवेश में किस तरह से लोगों को रोजगार मुहैया करा कर योजनाओं के माध्यम से गांव का विकास हो रहा है, यह टीम ने जाना।

    झारखंड की आदिवासी परंपरा अद्भुत है : कैरोल

    आकर्षक नृत्य, झारखंड की आदिवासी परंपरा के महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। जमैका से आई टीम ने झारखंड के स्थानीय कलाकारों के साथ नृत्य किया। स्थानीय कलाकारों की टीम ने नृत्य के बारे में जानकारी दी। जमैका से आई कैरोल ने कहा कि झारखंड की संस्कृति और महिलाओं द्वारा किए जा रहे कार्यों को देख वह काफी प्रभावित हैं। झारखंड की आदिवासी परंपरा अद्भुत है। जमैकन टीम ने पारंपरिक भोजन का भी लुत्फ उठाया।

    भारतीय उच्चायोग के निर्देश पर बनाई जा रही है डॉक्यूमेंट्री जमैका में भारतीय समुदाय के इतिहास को संरक्षित करने में मदद करेगी। खास तौर यहां रह रहे भारतीयों का भावनात्मक लगाव बढ़ेगा झारखंड की संस्कृति यहां के मनोरम दृश्य रहन-सहन और यहां हो रहे विकास से रूबरू हो पाएंगे। आपको बताएं कि जमैका में रहने वाले झारखंड के लोगों के साथ यह डॉक्यूमेंट्री आजादी के 75वें वर्षगांठ के अवसर पर शोकेस इंडिया IndiaAt75 समारोह में जमैका में  दिखाई जाएगी।