PIC: ANI/Twitter
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    जम्मू: अक्सर देखा जाता है जिसमें काम करने की लगन होती है, वह ज़रूर एक दिन उचाईयों को छूता है। फिर चाहे वह कोई भी काम हो बस नियत साफ़ रखने और पूरी मेहनत से काम करने की ज़रूरत रहती है। कड़ी मेहनत करने वालों के लिए रस्ते अपने आप ही बनते जाते हैं। आज के समय में युवा हाई प्रोफाइल के जॉब करना पसंद करते हैं, लेकिन एक बेटा ऐसा भी है जिसने अपनी शानदार नौकरी छोड़ अपने पिता के सपने को साकार करने की सोची। आज हम जिस शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, वह हैं अबिनेश खजुरिया (Abinesh Khajuria), जो जम्मू (Jammu) के सौहांजना निवासी उन्नत किसान कुलभूषण खजुरिया (Kulbhushan Khajuria) के बेटे हैं। 

    किसान का बेटा बना किसान 

    अक्सर सुना जाता है कि लोग आज के समय में शानदार जॉब करना पसंद करते हैं। किसान का बेटा किसान बनना नहीं चाहता है, लेकिन अगर काम की बुनियाद मजबूत हो तो किसान का बेटा भी किसान बनना जरूर चाहेगा। कुलभूषण के पुत्र अभिनीश खजुरिया कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल कर मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहे थे, लेकिन अब उनका झुकाव डेयरी की ओर हो गया। आजकल वह भी अपने पिता के साथ इस कामकाज को संभाल रहे हैं। कुलभूषण कहते हैं कि उनके पिता भी किसान थे, जिनसे उन्होंने खेतीबाड़ी करना सीखा, अब उन्हें इस बात की काफी ख़ुशी है कि उनका बेटा भी पढ़-लिखकर किसान बनने में संतुष्ट है।

    कड़ी मेहनत कर पाई मंजिल 

    कुलभूषण खजुरिया ने डेयरी क्षेत्र में एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है, जो आज के समय में उनका काम किसी मिसाल से कम नहीं है। कुलभूषण के घर में पहले केवल 5-6 मवेशी हुआ करते थे, लेकिन फिर साल 2015 में उन्होंने डेनमार्क की तरह 10 कनाल भूमि में 15 गायों से डेयरी का काम शुरू किया था। जिसके बाद वह निरंतर आगे बढ़ते गए और पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। हां, शुरू-शुरू में हर तरह की परेशानियों का उन्होंने डट कर सामना किया, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी मंजिल पा ही ली। आज उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम यह है कि उनकी डेयरी में आज 97 मवेशी हैं, जिसमें 40 दुधारू हैं। 

    मिला लोगों को रोजगार, कई आधुनिक मशीनें भी मौजूद  

    इतना ही नहीं कुलभूषण की डेयरी ने 15 लोगों के लिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार भी है। वहीं डेयरी से गोबर की उपलब्धता भी काफी है, इसलिए उन्होंने वर्मी कंपोस्ट इकाई भी लगा ली है। वहां भी दो लोगों को काम मिल गया है। डेयरी में आज एचएफ, जर्सी, शाहीवाल, गीर नस्ल की गायें पल रही हैं। इसके अलावा कुलभूषण की डायरी में कई आधुनिक मशीनें भी है, जैसे मिल्किंग मशीन, मिल्क कूलर व राशन मिक्स मशीनें भी हैं। 

    ली जाती है क्लासेस 

    कुलभूषण की डेयरी में वह डेयरी स्थापित करने की जानकारी भी देते हैं। वह युवाओं को डेयरी स्थापित करने के गुर भी सिखाते हैं। वह स्वयं बेरोजगार युवाओं को डेयरी स्थापित करने की अहम जानकारियां देते हैं। इस पर वह कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में आज भी दूसरे राज्यों से दूध आ रहा है। ऐसे में युवा अधिक से अधिक डेयरी स्थापित कर जम्मू-कश्मीर की इस कमी को पूरी कर सकते हैं और अपने लिए शानदार रोजगार भी बना सकते हैं। कुलभूषण बताते हैं कि साल 2014 में उन्होंने 34 लाख रुपये का ऋण लिया था, जिसे 2020 में उन्होंने ठीक समय पर चुकता किया और अब वह फीड प्लांट भी लगाने की तैयारी कर रहे हैं।