Karnataka CM Bommai's decision amid hijab-saffron scarf controversy, all high schools and colleges in the state closed for three days
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    बेंगलुरु: महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार (27 दिसंबर) को कर्नाटक से चल रहे सीमा विवाद को लेकर एक प्रस्ताव पास किया गया। जिसके बाद इसपर बोलते हुए सीएम बसवराज बोम्मई ने इस प्रस्ताव की आलोचना  की। उन्होंने कहा कि, वो हमें बांट रहे हैं। 

    महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रस्ताव पास करने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि, ”वे हमें भड़काकर बांटने की कोशिश कर रहे हैं। हम इसकी निंदा करते हैं।” राज्य पुनर्गठन एक्ट 1956 में पास किया गया। तब से ही दोनों राज्यों (महाराष्ट्र और कर्नाटक) के लोग मिलकर सद्भाव से रह रहे हैं।

    महाराष्ट्र में प्रस्ताव पास 

    उल्लेखनीय है कि, कर्नाटक के साथ बढ़ते सीमा विवाद के बीच महाराष्ट्र के दोनों सदनों (विधानसभा और विधान परिषद) ने  मंगलवार को पड़ोसी राज्य में स्थित 865 मराठी भाषी गांवों का अपने प्रदेश में विलय करने पर कानूनी रूप से आगे बढ़ने और दक्षिणी राज्य से सीमावर्ती इलाकों में रह रहे मराठी लोगों की सुरक्षा की गारंटी देने के लिए केंद्र से कहने संबंधी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया।

    एक इंच भी जमीन नहीं देंगे: बोम्मई

    मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मीडिया चैनेल एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि, ‘महाराष्ट्र राजनीति कर रहा है। यह सिर्फ एक नौटंकी है।’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘एक इंच भी जमीन वो महाराष्ट्र को नहीं देंगे। हम कन्नड लोगों के हितों में काम करते रहेंगे। इसके अलावा उन्होंने सवाल किया कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट के पास है तो वे प्रस्ताव क्यों पारित कर रहे हैं? हमें कोर्ट पर भरोसा है।’

    हमारा प्रस्ताव महाराष्ट्र से अलग

    बीते गुरूवार को कर्नाटक में भी एक ऐसा ही प्रस्ताव पास किया गया था। जिस पर बोलते हुए सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि, हमारा प्रस्ताव महाराष्ट्र से अलग है। हमने किसी को जमीन लेने को नहीं कहा लेकिन वो हमारी जमीन लेना चाहते हैं। हालांकि, इस पूरे मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है।