Manohar Lal Khattar
File Photo : PTI

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    चंडीगढ़. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar) ने बुधवार को कहा कि आंदोलनकारी किसान संघों को नए केंद्रीय कृषि कानूनों (Agriculture Laws) को निरस्त करने की जिद पर नहीं अड़े रहना चाहिए और सरकार से बातचीत से पहले इसे शर्त बनाने से कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने दावा किया कि केवल ”चुनिंदा लोग” ही कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और ”आम किसान खुश हैं।”

    खट्टर ने कहा, ”आंदोलन कर रहे लोग वास्तव में किसान हैं ही नहीं। असली किसानों को कृषि कानूनों से कोई आपत्ति नहीं है। वे खुश हैं।” मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोग राजनीतिक कारणों से ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ”उनकी पंजाब टीम ऐसा कर रही है क्योंकि वहां चुनाव आ रहे हैं। लेकिन हमारे राज्य में कोई चुनाव बाकी नहीं है। यहां राजनीतिक हथकंडे अपना कर सरकार को बदनाम करने का एजेंडा चल रहा है और कांग्रेस भी इसमें उनका साथ दे रही है।”

    किसानों से आंदोलन समाप्त करने की केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की अपील और बातचीत के लिए निमंत्रण पर खट्टर ने कहा, ”किसान संघ कानूनों में कमी बताए बगैर बस इन्हें निरस्त करने की मांग पर अड़े हैं।”

    उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”यदि वे केवल एक बात पर अड़े रहे और सरकार से बातचीत से पूर्व इसे शर्त बनाते हैं, तो इसका कोई फायदा नहीं होगा।”

    टीकरी बॉर्डर पर यौन उत्पीड़न की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि किसान एक बेहद पवित्र शब्द है। मैं, सरकार और आम आदमी हर कोई मानता है कि आंदोलन कर रहे लोग किसानों पर विश्वास रखते हैं और उनका सम्मान करते हैं। लेकिन इस आंदोलन का एक दुखद पहलू है कि इसमें कुछ ऐसी घटनाएं हुईं, जिन्होंने लोगों को सवाल पूछने पर मजबूर किया।” (एजेंसी)