कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की अध्यक्षता के लिए सौरव गांगुली का समर्थन किया। साथ ही उन्होंने पूर्व बीसीसीआई प्रमुख को पद से कथित रूप से हटाने के लिए केंद्र पर निशाना साधा। ममता का कहना है कि अगर केंद्र सचिन तेंदुलकर के साथ भी ऐसा करता तो भी वह विरोध करतीं।
“सौरव गांगुली बंगाल से हैं तो क्या वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष नहीं हो सकते? आपने सौरव गांगुली को हटा दिया लेकिन जय शाह को बरकरार रखा। अगर उन्होंने सचिन तेंदुलकर के साथ ऐसा किया होता, तो मैंने भी विरोध किया होता। आज मैं शर्मिंदा हूं कि आईसीसी में भारत का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
WB | Sourav Ganguly is from Bengal so can't he be ICC Chairman? You removed Sourav Ganguly but retained Jay Shah. If they would've done this with Sachin Tendulkar, then also I would've protested. Today I'm ashamed that there's no representation of India in ICC: CM Mamata Banerjee pic.twitter.com/SXdWMqZsVI
— ANI (@ANI) October 20, 2022
गांगुली की जगह रोजर बिन्नी को बीसीसीआई अध्यक्ष बनाने के कदम पर केंद्र पर निशाना साधते हुए ममता ने आरोप लगाया कि सरकार ने उन्हें बरकरार रखने के लिए अपनी शक्ति का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा, “हमें वाकई शर्म आ रही है। आज आपने सत्ता में होने के कारण उन्हें (सौरव) अपने पास नहीं रखा। अगर आप सत्ता में वापस नहीं आए तो 2024 में क्या होगा? यह बात सौरव भी जानते हैं।”
इससे पहले 17 अक्टूबर को, ममता ने आरोप लगाया कि गांगुली को बीसीसीआई प्रमुख के रूप में एक और कार्यकाल से “अनुचित तरीके से बाहर रखा गया” और कहा कि उन्हें आईसीसी चुनाव लड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए।
ममता बनर्जी ने कहा कि गांगुली लोकप्रिय हैं और राजनीतिक दल के सदस्य नहीं हैं और केंद्र को राजनीतिक निर्णय नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा था कि, “मैं पीएम से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करती हूं कि सौरव गांगुली को आईसीसी चुनाव लड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए। वह एक लोकप्रिय व्यक्ति हैं, इसलिए उन्हें वंचित किया जा रहा है। भारत सरकार से अनुरोध है कि राजनीतिक रूप से निर्णय न लें, लेकिन क्रिकेट, खेल के लिए… वह नहीं राजनीतिक दल के सदस्य नहीं है।”
ममता ने कहा, “सभी देशवासियों की ओर से मैं कहती हूं कि सौरव गांगुली हमारा गौरव हैं, उन्होंने कुशलता से अपने खेल और प्रशासन करियर का प्रबंधन किया है। वह बीसीसीआई अध्यक्ष थे। उन्हें अनुचित तरीके से बाहर रखा गया था, इसके लिए मुआवजा उन्हें आईसीसी में भेजना होगा।”