MGNREGA commissioner wrote a letter to the Deputy Commissioners and Deputy Development Commissioners of all the districts and directed them to strengthen the "Aasha of the villagers, development campaign from MGNREGA"

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    – ओमप्रकाश मिश्र 

    रांची : मनरेगा कमिश्नर  (MGNREGA Commissioner ) राजेश्वरी (Rajeshwari) ने सभी जिलों के उपायुक्तों (Deputy Commissioners) और उप विकास आयुक्तों (Deputy Development Commissioners) को पत्र लिखकर अपने-अपने जिलों में “ग्रामीणों की आस, मनरेगा से विकास अभियान” से संबंधित गतिविधियों का सफल संचालन कराने का निर्देश दिया है। पत्र के माध्यम से उन्होंने अभियान के महत्वपूर्ण बिंदुओं और उसके उद्देश्यों की जानकारी दी है। 

    इस अभियान के तहत नियमित रोजगार दिवस और ग्राम सभा का आयोजन किया जाना है। इसके साथ इच्छुक सभी परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराना, महिला/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करना है। वहीं प्रति परिवार औसतन मानव दिवस में वृद्धि, जॉब कार्ड निर्गत, नवीकरण, जॉब कार्ड का सत्यापन, प्रति ग्राम हर समय 5 से 6 योजनाओं का क्रियान्वयन और पहले से चली आ रही पुरानी योजनाओं को पूर्ण करना है। साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायतों  में पर्याप्त योजनाओं की स्वीकृति, प्रदान करना शामिल है।

    इसके अलावा  सामाजिक अंकेक्षण के दौरान पाए गए मामलों का निष्पादन और राशि की वसूली सुनिश्चित करना है। पत्र में उन्होंने कहा है कि इस अभियान से राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने की पहल की गई है। राज्य सरकार ने मनरेगा योजना के तहत राज्य के ग्रामीण और प्रवासी श्रमिकों को उनके गांव और टोला में ही रोजगार उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। विभागीय सचिव डॉक्टर मनीष रंजन के निर्देश पर राज्य में वापस आनेवाले प्रवासी श्रमिकों को उनके क्वारंटाइन अवधि के दौरान ही जॉब कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। क्वारंटाइन अवधि पूर्ण होने के साथ ही उन्हें सरकार रोजगार भी उपलब्ध करा दे रही है। 

    मजदूरों के साथ सरकार 

    राज्य सरकार राज्य के मजदूरों को उनके घर में ही रोजगार उपलब्ध करा रही है। यही कारण है कि बाहर से आनेवाले मजदूर भी अब राज्य में ही मनरेगा से जुड़कर काम कर रहे हैं। उन्हें सरकार पर पूरी तरह से भरोसा है कि उन्हें हर हाल में 100 दिन का रोजगार मिलेगा। कोविड-19 के संक्रमण के बाद मजदूरों ने भी राज्य में ही रोजगार की तलाश शुरू कर दी है। वह गांव से जुड़ी योजनाओं में शामिल होकर न सिर्फ गांव की तस्वीर बदल रहे हैं,  बल्कि अपनी तकदीर भी खुद लिख रहे हैं। इस काम में सरकार उनके साथ खड़ी है और उन्हें उनके रोजगार के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

    सरकार मजदूरी भुगतान में इस वर्ष भी अव्वल 

    मनरेगा मजदूरों को ससमय पारिश्रमिक प्रदान करने के मामले में झारखंड राज्य ने पूरे देश में अव्वल स्थान प्राप्त किया है। ससमय पारिश्रमिक भुगतान के मामले में प्रथम स्थान हासिल करने के लिए सरकार ने रोजगार अभियान चलाया और पंचायत स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए मनरेगा मजदूरों को एकसूत्र में बांधने का प्रयास किया। 

    662 लाख मानव दिवस सृजित 

    वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021- 22 में अब तक कुल 19.14 लाख मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया गया है और 662 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं। हर इच्छुक परिवार और मजदूर को यथासंभव उनके गांव और टोला में ही रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रत्येक गांव टोला में  कम से कम 5 से 6 योजनाओं के क्रियान्वयन  का लक्ष्य सरकार ने तय किया है। इस के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरुआत की गई योजनाओं यथा नीलाम्बर – पीताम्बर जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, वीर पोटो हो खेल विकास योजना, दीदी बाड़ी योजना आदि के क्रियान्वयन पर विशेष फोकस किया जा रहा है। इन योजनाओं में सभी श्रमिकों को ससमय रोजगार उपलब्ध कराते हुए गुणवत्तापूर्ण परिसंपत्तियों के निर्माण पर बल दिया जा रहा है। सभी इच्छुक श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ की गई उक्त सभी योजनाओं के समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन पर जोर दिया जा रहा है। वहीं जल संरक्षण और पौधरोपण कार्य को मिशन मोड में वैज्ञानिक ढंग से क्रियान्वित कराया जा रहा है।