In Chitrakoot, NCPCR summoned a report from the district administration on 'sexual exploitation of girls'

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    नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने जालौर के एक निजी स्कूल में पानी का मटका छूने पर नौ साल के दलित छात्र की कथित तौर पर पिटाई से मौत होने के मामले में राजस्थान सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।  राजस्थान के जालौर जिले के सुराना गांव में एक निजी स्कूल के शिक्षक ने दलित छात्र इंद्र मेघवाल को 20 जुलाई को पानी का मटका छूने के आरोप में बुरी तरह से पीटा था।

    मेघवाल की 13 अगस्त को अहमदाबाद के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।  पुलिस ने आरोपी शिक्षक छैल सिंह (40) को गिरफ्तार कर लिया है।उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत हत्या की धारा और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है।

    जिला अधिकारी को भेजे पत्र में एनसीपीसीआर ने कहा कि मामला गंभीर है । साथ ही निकाय ने इसके संबंध में दर्ज प्राथमिकी की प्रति, आरोपी के खिलाफ प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई तथा सात दिन के भीतर पुलिस प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट सौंपने को कहा। राजस्थान के शिक्षा विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

    वहीं, राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने आदेश दिया है कि इसे केस अधिकारी की त्वरित जांच योजना के तहत लिया जाए। जालौर के पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल ने बताया कि लड़के को बुरी तरह से पीटा गया था। उन्होंने कहा कि पिटाई का कारण पानी के मटके को छूना बताया जा रहा है, लेकिन इसकी पुष्टि होना अभी बाकी है।