
– ओमप्रकाश मिश्र
रांची : हस्तकरघा (Handlooms), रेशम (Silk) और हस्तशिल्प (Handicrafts) निदेशालय के निदेशक (Director) दिव्यांशु झा (Divyanshu Jha) ने कहा है कि झारखंड (Jharkhand) में हस्तशिल्प के बहुत सारे उत्पाद हैं, जिसकी ब्राडिंग और बेहतर पैकेजिंग की आवश्यकता है, ताकि स्थानीय उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय बाजार (International Market) में आपूर्ति की जा सके।
वह मुख्यमंत्री (Chief Ministe) लघु और कुटीर उद्यम विकास बोर्ड द्वारा राज्य के उत्पादों को देश एवं विदेश में बेहतर बाजार और ब्रांडिग उपलब्ध कराने के लिए उत्पादों की बेहतर पैकेजिंग के संदर्भ में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग, नई दिल्ली के माध्यम से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उत्पाद के आधार पर करना चाहिए पैकेजिंग का चुनाव
इस अवसर पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग के निदेशक तनवीर आलम ने उत्पादों के बेहतर पैकेजिंग के विभिन्न तरीकों के बारे में बताया। उनहोंने कहा कि उत्पाद के आधार पर पैकेजिंग का चुनाव करना चाहिए। कार्यशाला के मुख्य संचालनकर्ता माधव चक्रवर्ती, संयुक्त निदेशक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग द्वारा उत्पाद के बेहतर पैकेजिंग संबंधी जानकारी दी गई।
सेमिनार में अजय कुमार सिंह, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, मुख्यमंत्री लघु और कुटीर उद्यम विकास बोर्ड, शैलेन्द्र कुमार सिंह, विशेष कार्य पदाधिकारी, सुशील कुमार बरियार, उद्योग विस्तार पदाधिकारी, जोन दीपक कोनगाड़ी, आनंद गोठी, रितु कुमार, श्रीकान्त उप निदेशक सौरभ घोष, फोरम बदानी, झारक्राफ्ट के प्रतिनिधि, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के प्रतिनिधि, झारखंड गर्वमेन्ट टूल रूम के प्राचार्य, जिडको के महाप्रबन्धक, एवं बांस हस्तशिल्प, मधु एवं लाह के शिल्पकार एवं स्टेकहोल्डर आदि मौजूद थे।