ओमप्रकाश मिश्र
रांची. रांची के वरीय पुलिस आरक्षी अधीक्षक (एसएसपी) सुरेंद्र कुमार झा ने आज इस बात का खुलासा किया कि 10 लाख के इनामी टीपीसी उग्रवादी भीखन गंझू ने नीरज भोक्ता नामक उग्रवादी के माध्यम से बबलू मुंडा पर जानलेवा हमला कराया साथ ही प्रेम सागर मुंडा के हत्या की साजिश रची थी। एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर गठित पुलिस की टीम ने कार्यवाही करते हुए इस घटना में शामिल आठ उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार उग्रवादियों में इरफान अंसारी, अफरोज अंसारी, एजाज अंसारी, अरसद अली,अब्दुल्ला आलम, एकरामुल अंसारी, जसीम खान और मैनुल अंसारी शामिल है। गिरफ्तार उग्रवादियों के पास से पुलिस ने एके 56, तीन पिस्टल, 10 गोली, 1.62 लाख रूपया समेत कई अन्य सामान बरामद किया है।
अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी
पुलिस ने बताया कि बबलू सागर मुंडा पर उग्रवादियों ने जानलेवा हमला किया था। एसएसपी ने आज इस बात का खुलासा किया कि कांके थाना क्षेत्र के बोड़ेया में पिछले 29 सितंबर को कोयला व्यवसायी बबलू सागर मुंडा पर उपरोक्त उग्रवादियों ने जानलेवा हमला किया था। उग्रवादियों द्वारा गोलीबारी की इस घटना से इलाके में सनसनी फैल गई थी। फायरिंग की इस घटना में बबलू सागर मुंडा का निजी अंगरक्षक अजय सोमर घायल हुआ था। घायल अंगरक्षक को आनन-फानन में पुलिस ने रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया था। बबलू मुंडा को गोली नहीं लगी थी। वह बाल-बाल बच गए थे।इससे पहले पिछले साल 3 मार्च 2020 को बबलू सागर मुंडा के भाई प्रेम सागर मुंडा पर हमला हुआ था। मोरहाबादी मैदान स्थित होटल पार्क प्राइम के पास इस घटना को अंजाम दिया गया था। बाइक सवार अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
एसएसपी ने कहा कि इसके लिए एसआईटी का गठन किया गया था ताकि उग्रवादियों को गिरफ्तार किया जा सके। उन्होंने आज बताया कि विगत 29 सितंबर को बबलू मुंडा के ऊपर जानलेवा किया गया था। इससे पहले बबलू मुंडा के भाई प्रेम सागर मुंडा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के द्वारा एसआईटी टीम का गठन किया गया था। एसआईटी टीम ने जांच के दौरान पाया कि घटना को अंजाम देने के लिए सुमो गोल्ड वाहन का प्रयोग किया गया है। वाहन को ढूंढने के लिए कई संभावित ठिकाने पर छापेमारी की गई। इसी दौरान सूचना मिली कि करमटोली चौक स्थित गुड्डू गैरेज में वाहन खड़ी है। जांच में पता चला कि 29 सितंबर को ही गैरेज मैकेनिक लालू उर्फ एकरामुल अंसारी के द्वारा वाहन को बरात ले जाने के नाम पर गैरेज मालिक गुड्डू से गाड़ी लिया गया था। पूछताछ के दौरान पता चला कि घटना को अंजाम देने में इसी वाहन का प्रयोग हुआ है।
वाहन को गैरेज से झूठ बोल कर लाया था
लालू ने अफरोज और इरफान के कहने पर ही उक्त वाहन को गैरेज से झूठ बोल कर लाया था। साथ ही अन्य लोगों से भी संपर्क में था , जो लोग इस घटना में संलिप्त थे। लालू की निशानदेही पर मैनुल और अफरोज को गिरफ्तार किया गया। इन दोनों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की और अन्य सदस्यों का नाम बताया। पुलिस ने कार्यवाही करते हुए कांटाटोली चौक के पास से काले रंग की स्कार्पियो में सवार होकर जा रहे इरफान अंसारी और राजू उर्फ एजाज को गिरफ्तार किया।
टीपीसी उग्रवादी भीखन गंझू के द्वारा मुहैया कराया था एके 56
पूछताछ पर ये पता चला कि इरफान के स्कार्पियो के पिछले दरवाजा के पैनल के अंदर खाली जगह में एक एके-56 हथियार छिपाकर रखा गया था। जिसे पुलिस ने बरामद किया। इरफान ने बताया कि यह हथियार टीपीसी उग्रवादी भीखन गंझू के द्वारा मुहैया कराया गया था। इसके साथ दो फूल मैगजीन जिसमें 30 चक्र गोली थी। इसके अलावा तीन पिस्टल घटना को अंजाम देने के लिए मुहैया कराया गया था। साथ ही नीरज भोक्ता नाम के व्यक्ति के माध्यम से पांच लाख रूपया इरफान को और पांच लाख रूपया अफरोज को दिया गया था, ताकि घटना की रूपरेखा तैयार की जा सके।
घटना को अंजाम देने के लिए लातेहार से शूटर को बुलाया गया था
इरफान के कहने पर ही राजू उर्फ एजाज के द्वारा घटना को अंजाम देने के लिए लातेहार के चंदवा से शूटर को बुलाया गया था। शूटर को लाने और ले जाने के लिए इरफान की स्कार्पियो इस्तेमाल की गयी थी। राजू की निशानदेही पर शूटर अब्दुल्ला आलम, अरशद अली को इरफान के घर के पास से गिरफ्तार किया गया। प्रेम सागर मुंडा हत्याकांड में भी भीखन गंझू, नीरज भोक्ता, इरफान अंसारी और अफरोज अंसारी की संलिप्तता पायी गई है। इस घटना में शामिल अन्य अपराधियों की भी पहचान हुई है। जिसकी गिरफ्तारी के लिए कार्यवाही की जा रही है।पुलिस के इस बयान के बाद से अब यह बात सामने आने लगी है कि उग्रवादी अपने मूल मांग और लक्ष्य से भटककर आम लोगों की हत्या की सुपारी लेने लगे है जो पुलिस के साथ साथ आम लोगों के लिए घोर चिंता का विषय है।