Representational Pic
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    कोलकाता: पश्चिम बंगाल में सियासी उठापठक रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के निर्देश अनुसार पार्टी के आठ विधायकों ने विधानसभा की समितियों और स्थायी समितियों की अध्यक्षता से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वालों में मिहिर गोस्वामी, मनोज तिग्गा और कृष्णा कल्याणी सहित आठ शामिल हैं। 

    अधिकारी ने राज्यपाल से की मुलाकात

    Bengal Politics

    भाजपा नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है। इस दौरान उनके साथ सभी आठ विधायक में मौजूद थे, जिन्होंने समितियों के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। 

    अधिकारी ने ममता सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “हम राज्यपाल के पास पीएसी की अध्यक्षता को लेकर पश्चिम बंगाल विधानसभा में जिस तरह से राजनीति कर रहे हैं और भाजपा को वोट देने वाले 2.28 लाख लोगों को अलग-थलग करने के विरोध में राज्यपाल के पास आए हैं। यह पहली बार था कि राज्य की परंपराओं को तोड़ा गया है।”

    पीएसी अध्यक्ष के लिए टीएमसी कोटे से क्यों चुना गया?

    नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “पीएसी अध्यक्ष के लिए नामांकित व्यक्ति को टीएमसी कोटे से क्यों चुना गया? 2017 से, सत्तारूढ़ दल ने विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है। 2020 में, वे COVID उपकरण खरीद में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर पाए हैं।”

    उन्होंने कहा, “हमने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ टेलीफोन पर चर्चा की। पश्चिम बंगाल विधानसभा में संसदीय प्रणाली का राजनीतिकरण कैसे किया जा रहा है और विपक्ष को उनके उचित अधिकारों से कैसे वंचित किया जा रहा है, इसकी प्रतियां (पत्र की) कल से हम सभी केंद्र के नेतृत्व वाले राज्यों के नेताओं को भेजेंगे।”