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    -ओमप्रकाश मिश्र 

    रांची. विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो (Rabindra Nath Mahto), मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) और संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) में आयोजित दो दिवसीय प्रथम झारखंड छात्र संसद-2021 का दीप प्रज्वलित कर विधिवत उद्घाटन किया। प्रथम झारखंड छात्र संसद-2021 में राज्य के विभिन्न जिलों के विश्वविद्यालयों से चयनित 24 छात्र-छात्राओं को शामिल किया गया है।  

    इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन देश के युवा मुख्यमंत्रियों में से एक है। युवा मुख्यमंत्री होने के नाते राज्य के युवाओं के अंदर क्षमता का विकास किस प्रकार हो, इसे लेकर मुख्यमंत्री सदैव गंभीर रहते हैं। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आज झारखंड विधान सभा में प्रथम झारखंड छात्र संसद-2021 का आयोजन किया जा रहा है। प्रथम झारखंड छात्र संसद-2021 में भाग ले रहे छात्र-छात्राएं विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका व्यवस्था की पूर्ण जानकारी समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने का काम करेंगे। संसदीय व्यवस्था का लाभ समाज के अंतिम पंक्ति तक किस प्रकार पहुंचाई जाएं, यही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। आमजनों को भी संसदीय विषय और कार्यों का का पूर्ण ज्ञान होना जरूरी है तभी विकसित समाज का सपना साकार हो सकेगा।

    राजनीतिक, सामाजिक और संसदीय चेतनाएं सभी को होनी चाहिए

    इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड विधानसभा अध्यक्ष के प्रयास से आज यहां प्रथम झारखंड छात्र संसद-2021 आयोजित हो रहा है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं चयनित होकर यहां तक पहुंचे हैं। प्रथम झारखंड छात्र संसद-2021 का विषय काफी संवेदनशील और महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायिका कार्यपालिका और न्यायपालिका की बेहतर जानकारी होना सभी के लिए महत्वपूर्ण है चाहे वे राजनीतिज्ञ, शिक्षक या सामान्य व्यक्ति ही क्यों न हो। मैं समझता हूं कि मजबूत समाज और मजबूत देश वही होता है, जहां राजनीतिक, सामाजिक और संसदीय चेतनाएं व्यापक होती हैं।

    सामाजिक परिवर्तन युवाओं से ही संभव

    हेमन्त सोरेन ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित लोकसभा सदन और विभिन्न राज्यों के विधानसभा के द्वारा राज्य और देश को दिशा दी जाती है। समाज के विभिन्न वर्गों के सर्वांगीण विकास के लिए यहीं से कानून बनाई जाती है और इसी कानून के रास्ते विकास का पहिया आगे बढ़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई मामलों पर लोगों के अपने अपने विचार होते हैं, यही कारण है कि विधानसभा सदन में भी सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही सक्रिय रहते हैं। दोनों पक्ष मिलकर राज्य को नई दिशा देने का काम करते हैं। मुख्यमंत्री ने प्रथम झारखंड छात्र संसद-2021 के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज आप सभी नौजवान यहां विधायी प्रक्रियाओं को समझेंगे। आप यहां पर जो चीजें जानेंगे अथवा समझेंगे मुझे विश्वास है कि आप अपने आस-पास के क्षेत्र में लोगों के साथ साझा करेंगे। इस महत्वपूर्ण विषय की जानकारी सभी तक पहुंचाना आपका कर्तव्य है। समाज की आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक विकास के लिए सभी की जिम्मेदारी सुनिश्चित है, लेकिन वर्तमान समय में उस जिम्मेदारी को व्यवहार में उपयोग करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सदन की स्वस्थ परंपरा को गढ़ने का प्रयास करेंगे जो आने वाली युवा पीढ़ी को प्रेरित करेगी। सामाजिक परिवर्तन युवाओं के माध्यम से ही संभव है। आज कई क्षेत्रों में युवाओं ने अपने-अपने क्षमता के अनुरूप राज्य और देश का नाम रोशन किए हैं तथा लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बने हैं। आप अपनी महती भूमिका से समाज को रोशन कर सकते हैं।

    इस आयोजन का मूल मकसद जागरूक समाज का निर्माण

    इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड विधानसभा देश की पहली विधानसभा है जहां प्रथम झारखंड छात्र संसद-2021 आयोजित हुआ है। यहां राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों से चयनित छात्र छात्राओं को विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के कार्यों को जानने और समझने का मौका मिला है। युवा वर्ग ही देश को अच्छे उद्देश्यों के साथ आगे बढ़ाएंगे। जो युवा यहां पहुंचे हैं उनमें हुनर है। आप सभी को यहां संविधान से प्रदत्त शक्तियों के तहत विधायी प्रक्रियाओं की जानकारी दी जाएगी। विधानसभा में प्रथम झारखंड छात्र संसद 2021 आयोजन करने का मूल मकसद जागरूक समाज का निर्माण करना है। मौके पर झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन एवं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को बैच लगाकर सम्मानित किया।