तमिलनाडु: देश के पूर्व पीएम राजीव गांधी हत्या मामले (Rajiv Gandhi Murder)में उम्रकैद की सजा काट रहे एजी पेरारिवलन (AG Perarivalan) को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया है। जिसके बाद उन्होंने और उनकी मां अर्पुथम्मल ने आज(बुधवार को) तमिलनाडु के तिरुपत्तूर के जोलारपेट्टई स्थित अपने आवास पर मिठाई बांटी है। बता दें कि, पेरारिवलन पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे दोषियों में से एक है।
31 सालों से थे जेल में बंद
इससे पहले आज देश की शीर्ष अदालत ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड (Rajiv Gandhi Murder) के दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया। बता दें कि, 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक जनसभा के दौरान हत्या कर दी गई थी। इसके बाद 11 जून 1991 को पेरारिवलन को इस मामले गिरफ्तार किया गया था। पेरारिवलन पिछले 31 सालों से जेल में बंद है।
Tamil Nadu | AG Perarivalan & his mother Arputhammal distributed sweets at their residence in Jolarpettai, Tirupattur earlier today.
Supreme Court ordered his release today. He's one of the convicts serving life imprisonment in connection with ex-PM Rajiv Gandhi's assassination. pic.twitter.com/d5Mrc1lRCG
— ANI (@ANI) May 18, 2022
दया याचिका
बता दें कि पेरारिवलन ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा था कि तमिलनाडु सरकार ने उसे रिहा करने का एक फैसला लिया था, लेकिन राज्यपाल ने फाइल को काफी समय तक अपने पास रखने के बाद राष्ट्रपति को भेज दिया था, जो कि संविधान के खिलाफ है। बीते 11 मई को हुई सुनवाई में केंद्र ने पेरारिवलन की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजने के तमिलनाडु के राज्यपाल के फैसले का बचाव किया था।
सात लोगों को ठहराया गया था दोषी
राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सात लोगों को दोषी ठहराया गया था और सभी को मौत की सजा सुनाई गई थी। लेकिन साल 2014 में शीर्ष अदालत ने इसे आजीवन कारावास में बदल दिया था। जिसके बाद 2016 और 2018 में जयललिता और एके पलानीसामी की सरकार ने इन दोषियों की रिहाई की सिफारिश की थी। लेकिन उनके बाद के राज्यपालों ने इसका पालन नहीं किया। दोषियों ने लंबे समय तक दया याचिका पर फैसला नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
जनसभा के दौरान राजीव गांधी पर किया गया था आत्मघाती हल्ला
जानकारी के लिए बता दें कि, 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक जनसभा के दौरान हत्या कर दी गई थी। इसके बाद 11 जून 1991 को पेरारिवलन को गिरफ्तार किया गया था। यह एक बड़ा और खतरनाक आत्मघाती हमला था। बम धमाके के लिए इस्तेमाल की गई दो 9 वोल्ट की बैटरी खरीद कर मास्टरमाइंड शिवरासन को पेरारिवलन ने ही दिया था। पेरारिवलन को साल 1998 में टाडा कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। हालाँकि बाद में साल 2014 में इस मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था।