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    कोलकाता: भाजपा (BJP) की पश्चिम बंगाल (West Bengal) इकाई के प्रमुख सुकांत मजूमदार (Sukant Majumdar) ने शनिवार को आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस और माकपा ने हाल के नगरपालिका चुनाव में ‘गुपचुप’ गठजोड़ कर रखा था।  इस चुनाव में भाजपा 108 नगर पालिकाओं में एक भी जीत नहीं पायी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में ‘अनौपचारिक आपातकाल’ लगा रखा है जहां भाजपा के लिए काम करना ‘अपराध से कम नहीं’ है।

    यहां राष्ट्रीय ग्रन्थागार के सभागार में प्रदेश इकाई की चिंतन बैठक के बाद मजूमदार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि माकपा ने और तृणमूल कांग्रेस ने इस स्थानीय निकाय चुनाव के लिए ‘गुपचुप समझौता कर रखा था।” अपनी बात को सही ठहराने के लिए उन्होंने दावा किया कि एक नगर निगम में दस में से ‘सात वार्ड तृणमूल कांग्रेस ने जीता जबकि तीन पर माकपा विजयी रही।”

    तृणमूल कांग्रेस ने 108 नगरपालिकाओं में 102 में विजय प्राप्त की जबकि माकपा एवं दार्जिलिंग की नयी हमरो पार्टी ने एक एक नगरपालिका जीती जबकि चार त्रिशंकु रहीं। टीएमसी ने कुल डाले गये वोटों में 63.45 फीसद, माकपा ने 14.13 और भाजपा ने 12.57 फीसद वोट हासिल किये।  विश्लेषकों का मानना है कि माकपा अपने छात्र एवं युवा मोर्चे के सहारे अपनी स्थिति सुधार रही है जबकि भाजपा की जमीन खिसकती ही जा रही है।

    भाजपा के वरिष्ठ नेता तथागत राय ने ट्वीट किया, ‘‘ विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा ने सुधार के कदम नहीं उठाये और उल्टे उसने तीन से 77 तक पहुंच जाने पर गर्व दिखाया। शुतुरमुर्ग जैसे आचरण ने निगम चुनाव में पार्टी को मटियामेट कर दिया। चिंतन बैठक का कोई फायदा नहीं है, क्योंकि नुकसान हो चुका है।”

    चिंतन बैठक में प्रदेश भर से आये सैंकड़ों पार्टी कायकर्ताओं को संबोधित करते हुए मजूमदार ने दावा किया कि राज्य में हाल का नगरपालिका चुनाव महज एक ‘पाखंड’ है और केवल भाजपा ने ही जबरदस्त मुकाबला किया। मजूमदार ने अपने भाषण में आरोप लगाया, ‘‘बंगाल में अनौपचारिक आपातकाल है। जिस तरह, भाजपा का हिस्सा होने को लेकर किसी को निशाना बनाया जाता है, उसी तरह माकपा, कांग्रेस या किसी अन्य दल का हिस्सा होने पर व्यक्ति को निशाना नहीं बनाया जाता है।”

    उन्होंने दावा किया कि जब ‘‘उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ तृणमूल के गुंडों द्वारा मारपीट की जाती है या उनकी हत्या भी कर दी जाती है” तो पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है।  वरिष्ठ भाजपा नेता और सांसद लॉकेट चटर्जी ने नगरपालिका चुनाव में पार्टी की हार और उसका मतप्रतिशत पिछले साल के विधानसभा चुनाव के 38 प्रतिशत से घटकर निगम चुनाव में 12.57 प्रतिशत हो जाने पर आत्ममंथन का आह्वान किया।

     मजूमदार ने दावा किया, ‘‘हम निश्चित ही इस स्थिति से बाहर आयेंगे क्योंकि हमें लोगों का विश्वास एवं भरोसा प्राप्त है लेकिन निगम एवं पंचायत चुनाव के नतीजे में वह सामने नहीं आया क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने प्रशासन एवं पुलिस के साथ मिलकर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव नहीं होने दिया। आने वाले दिनों में यह बदलेगा।” उन्होंने कहा कि भाजपा इस बात का विस्तार से मूल्यांकन करेगी कि हाल में चुनाव कैसे कराये गये तथा वह और प्रभावी ढंग से तृणमूल का लोकतांत्रिक रूप से मुकाबला करने पर गौर करेगी।

    महत्वपूर्ण बात यह है कि विधानसभा में विपक्ष के नेता और वरिष्ठ भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी चिंतन बैठक में नहीं पहुंचे। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अधिकारी पूरबा मेदिनीपुर जिले में अपने संगठन कार्य में व्यस्त थे। कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों पर कहा कि यह एक ऐसी पार्टी के ‘बेबुनियाद आरोप’ हैं जिसे मतदाताओं का विश्वास प्राप्त नहीं है।  (एजेंसी)