Ghaziabad
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    चेन्नई: तमिलनाडु के विरुधुनगर में कई महीनों के दौरान एक 22 वर्षीय दलित महिला के साथ कथित तौर पर 8 लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया, जिसमें 4 नाबालिग शामिल थे। यही नहीं उन्होंने उसके प्राइवेट वीडियो लीक करने की धमकी दी थी। पुलिस ने नाबालिकों समेत सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों पर आईटी अधिनियम और एससी / एसटी अधिनियम की धाराएं लागू लागु कर प्राथमिकी दर्ज  का ली गई है। यह जानकारी तमिलनाडु पुलिस ने दी। 

    आरोपियों की पहचान हरिहरन (22) और एस जुनैथ अहमद (27), प्रवीण (21), मदासामी (37) और बारहवीं कक्षा के दो लड़के और नौवीं, ग्यारहवीं कक्षा के दो नाबालिगों के रूप में की गई है। पुलिस उपाधीक्षक अर्चना के मीडिया को बताया कि, महिला एक कपड़ा कारखाने की कर्मचारी के तौर पर काम करती है। वहीं  वे आरोपी हरिहरन से प्यार करती थी जो उसका सहकर्मी था।

    ब्लैकमेल कर महीनों तक किया बलात्कार

    शिकायत में कहा गया है कि, हरिहरन उर्फ सरवनन ने महिला से सोशल मीडिया पर दोस्ती की और दोनों दोस्त बन गए। इसके अलावा, हरिहरन और महिला के बीच शारीरिक संबंध बन गए थे। वहीं, आरोपी ने महिला की जानकारी के बिना इसे अपने मोबाइल फोन पर फिल्माया और फिर, उसने अपने दोस्त जुनैथ अहमद के साथ साझा किया। वहीँ, उसने वीडियो प्रवीण और उसी गली में रहने वाले स्कूली छात्र  को साझा किया गया था। विडों देखने के बाद आरोपियों ने पीड़िता से से संपर्क किया और वीडियो लीक करने की धमकी दी।  जिसके  बाद अगस्त 2021 और मार्च 2022 के बीच कई बार उसके साथ बलात्कार किया।पुलिस ने बताया कि सभी आरोपियों ने पूछताछ के दौरान अपने गुनाह काबुल कर लिए है। 

    जिससे मांगी मदद वही निकला हैवान 

    पुलिस ने बताया कि, मामला तब सामने आया जब पीड़िता ने महिला हेल्पलाइन नंबर 181 पर संपर्क करने का फैसला किया और इसकी सूचना दी। इसके बाद विरुधुनगर ग्रामीण पुलिस ने इस मामले को अपने हाथ में लिया।” हालांकि  पुलिस का कहना है कि, महिला ने महिला ने अपने पड़ोसी मदास्वामी (37) नाम के एक व्यक्ति से उसे स्थिति से बाहर निकलने में मदद करने के लिए कहा था। लेकिन उसने भी वीडियो का इस्तेमाल उसे धमकाने और यौन उत्पीड़न के लिए किया था।

    विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज 

    पुलिस ने आरोपीयों पर  भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत बलात्कार, एक महिला का शील भंग करने और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।