Tamil Nadu hooch tragedy
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विल्लुपुरम (तमिलनाडु): तमिलनाडु के विल्लुपुरम में जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर सोमवार को 14 हो गई और 51 लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज जारी है। राज्य सरकार ने एक बयान में यह जानकारी दी।

विल्लुपुरम सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज करा रहे लोगों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने पत्रकारों से कहा कि मामले की जांच सीबी-सीआईडी ((क्राइम-ब्रांच क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट) को स्थानांतरित की जाएगी और उन्होंने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन भी दिया। प्रारंभिक पुलिस जांच के अनुसार, शराब बनाने में ‘मेथेनॉल’ का इस्तेमाल किये जाने के कारण यह त्रासदी हुई। 

अन्नाद्रमुक प्रमुख एवं विपक्ष के नेता के. पलानीस्वामी ने कहा कि उन्होंने तमिलनाडु में ‘‘अवैध शराब” की बढ़ती उपलब्धता का मुद्दा विधानसभा में उठाया था। अगर सरकार ने उचित कार्रवाई की होती तो ऐसी घटनाओं को टाला जा सकता था। उन्होंने तिरुचिरापल्ली में पत्रकारों से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री स्टालिन पूरी तरह से (इसके लिए) जिम्मेदार हैं। उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, वह एक अयोग्य मुख्यमंत्री हैं।” उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का आरोप भी लगाया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने भी इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ द्रमुक की आलोचना की। स्टालिन ने कहा कि चेंगलपेट जिले के पेरुंकरनाई गांव में अवैध शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई और सात लोगों का चेंगलपेट सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज जारी है।

विल्लुपुरम और चेंगलपेट में अवैध शराब बनाने के लिए ‘मे थे नॉल’ का इस्तेमाल किया गया। अवैध शराब को भरने के लिए चेंगलपेट में राज्य द्वारा संचालित टीएएसएमएसी दुकान में बेचे जाने वाले मादक पेय पदार्थों की खाली बोतलों का इस्तेमाल किया गया। स्टालिन ने कहा, ‘‘मैंने दोनों घटनाओं में जान गंवाने वालों के परिवार वालों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। जिनका इलाज चल रहा है, उन्हें 50-50 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी।”

उन्होंने बताया कि दोनों घटनाओं के सिलसिले में अवैध शराब बनाने वालों को गिरफ्तार कर लिया गया है और इसमें शामिल अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।  स्टालिन ने कहा, ‘‘अवैध शराब बनाने में उद्योग में इस्तेमाल किए जाने वाले कच्चे माल के इस्तेमाल पर पूर्ण रोक लगाने, घटना के मूल कारण का पता लगाने और अवैध शराब का सफाया करने करने के लिए दोनों घटनाओं की जांच सीबी-सीआईडी को सौंपी जाएगी।” मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध शराब बनाने और बिक्री पर पूरी तरह से रोक के सरकार के आदेश को लागू नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। (एजेंसी)