Under construction Aguwani-Sultanganj bridge in Bihar’s Bhagalpur collapses

Loading

पटना: बिहार भाजपा (Bihar BJP) ने सोमवार को आरोप लगाया कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) राज्य में एक निर्माणाधीन पुल के ढहने को लेकर ”सच्चाई छिपा रहे हैं”। भगवा पार्टी ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता की इस टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की कि गंगा नदी पर निर्माणाधीन उक्त पुल के “कई संरचनात्मक दोषों” को विशेषज्ञों द्वारा इंगित किया गया है।

यह पुल खगड़िया जिले को भागलपुर से जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है। तेजस्वी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और राज्य के सड़क निर्माण विभाग के पूर्व मंत्री नितिन नवीन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”मुझे कहना होगा कि उपमुख्यमंत्री सच्चाई छिपा रहे हैं…वह तथ्यों का खुलासा नहीं कर रहे हैं। जब पुल का निरीक्षण करने वाले विशेषज्ञों ने पहले ही सरकार को सूचित कर दिया था कि गंभीर संरचनात्मक दोष थे, तो सरकार ने निर्माण कार्य जारी रखने की अनुमति क्यों दी? विभाग को इसे तुरंत रोकना चाहिए था।” 

नवीन ने यह भी दावा किया कि इस साल मार्च में बजट सत्र के दौरान राज्य विधानसभा में मामला उठाए जाने के बाद भी उपमुख्यमंत्री ने निर्माण कार्य की स्थिति के बारे में सदन को सूचित करने की जहमत नहीं उठाई।  नवीन ने कहा कि उन्होंने (तेजस्वी ने) कभी नहीं कहा कि निर्माण कार्य रोक दिया गया है। उन्होंने सवाल किया कि विभाग ने पिछले साल विशेषज्ञों की राय के बाद पुल बनाने में शामिल दोषी अधिकारियों या ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। यह महागठबंधन सरकार बिहार के विकास के बारे में कम से कम चिंतित है … ना तो मुख्यमंत्री और ना ही उपमुख्यमंत्री के पास राज्य के लिए समय है। वर्ष 2014 से बन रहा 3.16 किलोमीटर लंबा यह पुल 14 महीने में दो बार टूटा- पहली बार अप्रैल 2022 में भागलपुर के सुल्तानगंज की तरफ और दूसरी बार रविवार की शाम खगड़िया की तरफ। घटना के तुरंत बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, जिनके पास सड़क निर्माण विभाग का प्रभार भी है, ने रविवार को कहा था कि राज्य सरकार संरचनात्मक खामियों के कारण निर्माणाधीन पुल को ध्वस्त करने की योजना बना रही है।

तेजस्वी ने कहा कि था पिछले साल 30 अप्रैल को इस पुल का एक हिस्सा ढह गया था जिसके बाद इसका अध्ययन करने के लिए आईआईटी-रुड़की से संपर्क किया गया। तेजस्वी ने कहा कि इसकी अंतिम रिपोर्ट आनी बाकी है, लेकिन संरचना का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने हमें सूचित किया था कि इसमें गंभीर खामियां थीं। 

तेजस्वी ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करने वाली भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा, “पिछले साल इस पुल का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया था, तब राज्य में भाजपा सत्ता में थी। मैंने तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष के रूप में पूरी क्षमता से इस मुद्दे को उठाया था। सत्ता में आने पर हमने एक जांच का आदेश दिया है और विशेषज्ञ की राय मांगी है।”  (एजेंसी)