इंफाल. पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में फिर तनाव का माहौल है। पूरे राज्य में सेना और असम राइफल्स की गश्ती बढ़ा दी गई है। भारतीय सेना ने बताया कि दोनों दलों के जवानों ने इंफाल पूर्व और चुराचांदपुर में दो समुदायों के बीच गोलीबारी की घटनाओं को रोका। सेना ने कहा कि हथियारबंद बदमाशों ने फायरिंग की और ऊंचे इलाकों की तरफ भाग निकले। उन्होंने कहा कि कोई हताहत नहीं हुआ है। ऑपरेशन चल रहा है।
गौरतलब इंफाल पूर्व जिले में भीड़ ने केंद्रीय राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के आवास का घेराव करने का प्रयास किया। अधिकारियों ने बताया कि भीड़ ने आरोप लगाया कि सरकार हिंसा प्रभावित राज्य में स्थानीय लोगों को दूसरे समुदाय के उग्रवादियों से बचाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है।
Manipur | Army & Assam Rifles have intensified domination across Manipur. Both teams in Imphal East & Churachandpur prevented firing incidents between the two communities. Armed miscreants fired & ran towards higher reaches. No casualties. Operations underway: Indian Army
— ANI (@ANI) May 26, 2023
अधिकारियों के मुताबिक, जिले के कोंगबा इलाके में गुरुवार को रात करीब आठ बजे भीड़ ने सिंह के आवास का घेराव करने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया। मंत्री और उनके परिवार के सदस्य घटना के दौरान घर पर मौजूद नहीं थे। अधिकारियों ने कहा कि मंत्री के घर को नुकसान पहुंचाए जाने की कोई खबर नहीं है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सिंह ‘इनर मणिपुर’ लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। बिष्णुपुर जिले के तोरोंग्लोबी क्षेत्र में सुरक्षा बलों और कुकी विद्रोहियों के बीच बृहस्पतिवार रात गोलीबारी होने की खबर है। इससे पहले, बुधवार को लोगों के एक समूह ने मणिपुर के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता कोंथोजाम गोविंददास के बिष्णुपुर जिले स्थित घर में तोड़फोड़ की थी। हालांकि, भीड़ ने जब गोविंददास के घर पर हमला किया था, तब वह और उनके परिवार के सदस्य वहां मौजूद नहीं थे। हमलावर भीड़ में ज्यादातर महिलाएं थीं।
यह राज्य में ताजा हिंसा के दौरान किसी मंत्री के घर पर हमले का पहला मामला था। मणिपुर में तीन सप्ताह पहले शुरू हुई हिंसा में 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। इस बीच, पूर्वी सैन्य कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आर पी कालिता ने राज्य में सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए मणिपुर का दौरा किया। मेइती समुदाय की ओर से उसे अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के खिलाफ पहाड़ी जिलों में गत तीन मई को ‘जनजातीय एकता मार्च’ का आयोजन किया गया था, जिसके बाद राज्य में हिंसा भड़क गई थी। राज्य में मेइती समुदाय की आबादी 53 फीसदी है, जबकि नगा और कुकी समुदाय की आबादी 40 फीसदी है।