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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर स्थित विभिन्न अस्पतालों में पिछले 24 घंटे में श्वसन संक्रमण के कारण पांच बच्चों की मौत हो गई, जिससे राज्य में एडेनोवायरस के बढ़ते मामलों की आशंका बढ़ गई है। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने मंगलवार को दी। हालांकि, चिकित्सक इसको लेकर अनिश्चित हैं कि मौतें संक्रमण के कारण हुई हैं या नहीं।

बच्चों में एडेनोवायरस आमतौर पर श्वसन और आंत्र नलिका में संक्रमण का कारण बनता है। चिकित्सकों ने कहा कि 0-2 साल की उम्र के बच्चों को संक्रमण का सर्वाधिक व 2-5 साल की उम्र वाले बच्चे को संक्रमण का अधिक खतरा होता है। 5-10 साल के बच्चों के इसके(संक्रमण के) चपेट में आने की आशंका होती है।

उन्होंने कहा कि 10 साल से अधिक उम्र के बच्चों के इस वायरस से संक्रमित होने का कम खतरा होता है। उन्होंने कहा कि सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि ज्यादातर मामलों का घर पर ही इलाज संभव है। उन्होंने कहा कि पांच बच्चों में से दो का कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज चल रहा था, जबकि तीन अन्य का इलाज डॉ बी सी रॉय पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ पीडियाट्रिक साइंसेज में चल रहा था।

अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, “सभी पांच बच्चों की मौत निमोनिया के कारण हुई। हम नौ महीने की बच्ची की जांच रिपोर्ट का अभी भी इंतजार कर रहे हैं, ताकि यह पुष्टि हो सके कि उसकी मौत एडेनोवायरस के कारण हुई या नहीं।” एक स्वास्थ्य अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि श्वसन संक्रमण के कारण कोलकाता के सरकारी अस्पतालों में दो शिशुओं की मौत हो गई।

उन्होंने कहा कि पड़ोसी हुगली जिले के चंद्रनगर के नौ महीने के बच्चे की कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मौत हो गई, जबकि एक अन्य बच्चे की मौत डॉ बी सी रॉय पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ पीडियाट्रिक साइंसेज में हुई। अधिकारी ने कहा कि दोनों मौतों की सूचना सोमवार को मिली। उन्होंने कहा कि इन मामलों को अन्य जिलों के अस्पतालों से भेजा गया था। राज्य में शनिवार से अब तक तीन मौतें हो चुकी हैं, जिनमें से एक एडेनोवायरस संक्रमण के कारण हुई। (एजेंसी)