After Punjab, West Bengal Assembly passed a resolution against increasing the jurisdiction of BSF
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    कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता रिपून बोरा (Ripun Bora) ने मंगलवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) 2024 के लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Election) में विपक्षी मोर्चे का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त नेता हैं क्योंकि कांग्रेस नेता भाजपा (BJP) का मुकाबला करने के बजाए अंदरूनी कलह में उलझे हुए हैं। कांग्रेस (Congress) की असम ईकाई के पूर्व प्रमुख बोरा रविवार को ही टीएमसी में शामिल हुए हैं। उनका आरोप है कि कांग्रेस के कई नेता पूर्वोत्तर राज्य में भाजपा के साथ सांठगांठ करके काम कर रहे हैं। 

    उन्होंने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, “ भाजपा संविधान के लिए खतरा है और इससे भी ज्यादा वह देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है।” बोरा ने कहा, “कांग्रेस को सबसे पुरानी पार्टी होने के नाते भाजपा के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करना चाहिए था। लेकिन दुर्भाग्य से, विभिन्न राज्यों में इसके नेता भाजपा से लड़ने के बजाय आपस में लड़ रहे हैं।” 

    उन्होंने दावा किया कि वह पार्टी को उस स्थिति में लाने में सक्षम थे जहां लोगों को उम्मीद थी कि वह 2021 के विधानसभा चुनावों में असम में सरकार बनाएगी। उनके मुताबिक, “ अंदरूनी कलह के कारण लोगों का हम पर से विश्वास उठ गया।” बोरा ने कहा, “मैं 2016 से 2021 तक असम कांग्रेस का अध्यक्ष था। मैंने पार्टी को सत्ता में वापस लाने की पूरी कोशिश की। लेकिन वरिष्ठ नेताओं का एक वर्ग आपस में इस तरह लड़ रहा था कि लोगों का मनोबल टूट गया। मैंने महागठबंधन बनाकर अच्छी कोशिश की। असम में फिलहाल कोई विपक्ष नहीं है।” 

    बोरा अपने छात्र जीवन 1976 से ही कांग्रेस के सदस्य थे। उनका कहना है कि वह टीएमसी में इसलिए शामिल हुए हैं, क्योंकि इसकी विचारधारा कांग्रेस जैसी ही है, और “ सिर्फ भाजपा से लड़ाई के दृष्टिकोण में अंतर है।” उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी ने जिस तरह से भाजपा से आक्रामक तरीके से लड़ाई लड़ी, उसकी पूरे देश में तारीफ हो रही है।” बोरा ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी क्योंकि वह पार्टी में अपनी ऊर्जा बर्बाद नहीं करना चाहते थे। 

    उन्होंने कहा, “मैं अब कांग्रेस में अपनी ऊर्जा बर्बाद नहीं करना चाहता था, जो असम में भाजपा से लड़ने में कम दिलचस्पी रखती है। मैं असम में भाजपा के खिलाफ मजबूत विपक्ष बनाने के लिए टीएमसी में शामिल हुआ हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने राज्यसभा सीट के लिए पाला नहीं बदला है। बोरा ने कहा कि उनके मन में अब भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के लिए बहुत सम्मान है, लेकिन मौजूदा राजनीतिक स्थिति में ममता बनर्जी भाजपा के खिलाफ विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त हैं। 

    उन्होंने कहा, “ ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी ने भाजपा के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी, उन्होंने लड़ाई लड़ी, लेकिन इसका वांछित प्रभाव नहीं पड़ा। ममता बनर्जी ने भी लड़ाई लड़ी और उनका व्यापक प्रभाव पड़ा। मुझे लगता है कि कांग्रेस या राहुल गांधी से ज्यादा ममता बनर्जी सबसे ज्यादा स्वीकार्य हैं और भाजपा के खिलाफ विपक्षी मोर्चे का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त हैं।” 

    बोरा के मुताबिक, केंद्रीय नेतृत्व के साथ असम कांग्रेस के अंदरूनी कलह के मुद्दों को उठाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। बोरा असम में क्रॉस वोटिंग के कारण राज्यसभा चुनाव हारने के कुछ दिन बाद टीएमसी में शामिल हुए थे। (एजेंसी)