Shivshahr Babasaheb Purandare's condition critical, undergoing treatment in Pune hospital

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    पुणे: शिवशहर बाबासाहेब पुरंदरे की हालत गंभीर है और उनका इलाज पुणे के दीनानाथ अस्पताल में चल रहा है। चिकित्सा सूत्रों ने कहा कि डॉक्टरों की एक टीम उसका इलाज कर रही है और वह उनका शारीर इलाज में सहयोग नहीं कर रहा है। जिसके कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। जिसकी जानकारी अस्पताल प्रशासन ने प्रेस नोट जारी कर दी।

    शिवशहर बाबासाहेब पुरंदरे की पिछले कुछ दिनों से तबीयत ठीक नहीं चल रही है। उन्हें इलाज के लिए कोथरुड के दीनानाथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले तीन दिनों से उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। बाबासाहेब सौ साल के हो गए हैं। डॉक्टरों ने कहा कि वह बुढ़ापे के कारण इलाज के लिए प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। डॉक्टरों की एक विशेष टीम पिछले तीन दिनों से उनका इलाज कर रही है।

    सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाना किया बंद

    कुछ महीने पहले बाबासाहेब पुरंदरे 100 साल के हो गए थे। उन्होंने उस समय आयोजित दो-तीन कार्यक्रमों में शिरकत की थी। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे भी घर पहुंचे और पुरंदरे को शुभकामनाएं दीं। वह बाद में दो को छोड़कर किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। वह दिवाली के अवसर पर शास्त्र पूजन कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे। यह पहली बार था जब वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे।

    100 साल पूरे होने पर किया गया सम्मान

    जैसे ही बाबासाहेब पुरंदरे 100 वर्ष की आयु में पहुंचे, 14 अगस्त 2021 को पुणे में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ गायिका आशा भोसले ने बाबासाहेब पुरंदरे का अभिनंदन किया। इस मौके पर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे, इतिहासकार गजानन मेहेंदले, विधायक आशीष शेलार भी मौजूद थे।

    इस समय राज ने अपने खास अंदाज में बाबासाहेब की तारीफ की थी। जब मैं 6 साल का था तब मैंने पहली बार बाबासाहेब पुरंदरे को देखा था। उसके बाद के कई सालों तक मैं बस उन्हें देख रहा था, पढ़ रहा था। अब मेरे पास उनकी कंपनी है। बाबासाहेब भले ही इतिहास बताते हैं फिर भी होश में आना सिखाते हैं। उनका कहना है कि इतिहास में की गई गलतियां वर्तमान में नहीं होनी चाहिए। राज ने कहा था कि बाबासाहेब इतिहास बताते हैं जो इतिहास के साथ-साथ वर्तमान को भी जगाते हैं।

    कौन हैं बाबासाहेब पुरंदरे?

    बाबासाहेब पुरंदरे का जन्म 29 जुलाई 1922 को पुणे में हुआ था। 17 साल की उम्र में उन्होंने शिवाजी महाराज पर कहानियाँ लिखीं। ये बातें ‘स्पार्क’ नामक पुस्तक के रूप में सामने आईं। इसके बाद उन्होंने ‘छत्रपति शिवाजी महाराज’ और ‘नारायण राव पेशवा’ पर ‘केसरी’ नामक पुस्तक लिखी। इसके अलावा पुरंदरे द्वारा लिखित नाटक ‘जनता राजा’ भी महाराष्ट्र में बहुत प्रसिद्ध हुआ है। नाटक का हिंदी में अनुवाद भी हो चुका है। फडणवीस सरकार ने बाबासाहेब पुरंदरे को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार दिया था।