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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एक विशेष अदालत ने बुधवार को उप्र एटीएस द्वारा भारत में अवैध रूप से रहने के मामले में गिरफ्तार किए गए दो बांग्लादेशी युवकों को चार साल के कारावास की सजा सुनाई है। उप्र एटीएस ने एक बयान में बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (कस्टम) ने मोहम्मद इकबाल को चार साल कैद की सजा सुनाई और 6,500 रुपये का जुर्माना लगाया। इसी तरह, मोहम्मद फारूक को चार साल कैद की सजा सुनाई गई और 6,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।

    बयान के मुताबिक, इकबाल और फारूक दोनों भाई हैं और जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सहारनपुर में रह रहे थे। वे बांग्लादेश के चटगांव के मूल निवासी हैं। दोनों भाइयों को नवंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था।

    एटीएस ने एक बयान में कहा, “भाइयों से बरामद जाली दस्तावेजों के आधार पर मिली जानकारी के मुताबिक, वे 2007-2008 से भारत में रह रहे थे। उन्हें 2013 में पश्चिम बंगाल में अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और लगभग 2 साल तक जेल में बंद रहे थे। जेल से रिहा होने के बाद उन्हें बांग्लादेश भेज दिया गया था।”

    बयान के मुताबिक, दोनों ने 2015 में फिर से अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया और सहारनपुर के पते का उपयोग करके दलालों की मदद से वोटर कार्ड, आधार कार्ड और पासपोर्ट सहित पहचान दस्तावेज प्राप्त किए।  बयान के मुताबिक, दोनों बांग्लादेश, अमेरिका, सऊदी अरब, इटली, ब्रिटेन, ऑस्ट्रिया और म्यांमार के लोगों के संपर्क में थे।(एजेंसी)