Keshav Prasad Maurya

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ( Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) ने महिला स्वावलंबन और सशक्तिकरण के लिए ग्रामीण आजीविका मिशन (Rural Livelihood Mission) के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी गतिशीलता के साथ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ आमदनी बढ़ने से अपने घर-परिवार के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण गरीब महिलाओं को स्वयं सहायता समूह और समूहों को ग्राम संगठन और संकुल स्तरीय संघ के रुप में संगठित करना और गठित स्वयं सहायता समूहों और उनके संगठनों का प्रशिक्षण और क्षमता वर्धन करना हैं।

उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण गरीब परिवारों का सामाजिक और आर्थिक विकास कर जीवन-यापन का बेहतर अवसर प्रदान मिल रहा है। समूहों एवं उनके संगठनों की आवश्यकताओं एवं जीविकोपार्जन के लिए मिशन की तरफ से रिवाल्विंग फण्ड एवं सामुदायिक निवेश निधि प्रदान की जा रही है|मिशन के अन्तर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों को बैंक से कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

इतने लाख रुपए की बजट की स्वीकृत प्रदान 

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक सी. इन्दुमती ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने दीन दयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की वार्षिक कार्य योजना के लिए NRLM अंतर्गत 369484.16 लाख रुपए की अनुमोदित कार्ययोजना के सापेक्ष 246322.77 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया है| यही नहीं राष्ट्रीय ग्रामीण उद्यमिता परिवर्तन परियोजना के अंतर्गत कुल अनुमोदित कार्य योजना 11886.18 लाख रुपए के सापेक्ष 11886.18 लाख रुपए की बजट की स्वीकृत प्रदान की गयी हैं|

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की वार्षिक कार्य योजना के लिए प्रदेश के 75 जनपदों के 826 विकास खंडो में कुल 2,83,900 स्वयं सहायता समूहों का गठन करते हुए 39,98,900 ग्रामीण परिवार आच्छादित किए जाएंगे।

 

इतनी सामुदायिक निवेश निधि की धनराशि दी जाएगी

इस वर्ष  कुल ग्राम संगठन 40,756 और संकुल स्तरीय संघ  640 का गठन का लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं। वर्ष 2023-24 में कुल 2,30,000 स्वयं सहायता समूहों को 34,500 लाख रुपए का रिवॉल्विंग फंड, जबकि आजीविका गतिविधियों को प्रोत्साहन के लिए 1,40,000 स्वयं सहायता समूहों को 1,54,000 लाख रुपए की सामुदायिक निवेश निधि की धनराशि दी जाएगी। इस वर्ष वित्तीय सेवाओं को ग्राम स्तर पर त्वरित गति प्रदान की दिशा में 8,654 बीसी सखी की पदस्थापना किया जाना है। साथ ही साथ वित्तीय साक्षरता के अंतर्गत 3,84,748 लाख समूह की दीदियों का क्षमता वर्धन करते हुए वित्तीय सेवाओं के प्रति जागरूक करते हुए लाभान्वित किया जाएगा।