पीएम मोदी का ऑफिस बेचने के आरोप में 4 गिरफ्तार, बेचने का तरीका देखिए…

जालसाज़ों ने बाक़ायदा पीएम के दफ्तर की फोटो लगा सारी जानकारी भी खरीददारों के लिए डाल दी।

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– राजेश मिश्र

लखनऊ: साइबर ठगों (Cyber Thugs) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister) के कार्यालय तक को नहीं छोड़ा है। जालसाज़ों ने यूपी के बनारस (Banaras) में पीएम के संसदीय कार्यालय को ओएलएक्स पर बेचने का विज्ञापन दे डाला। इतना ही नहीं विज्ञापन में बाक़ायदा पीएम के दफ्तर की फोटो लगा सारी जानकारी भी खरीददारों के लिए डाल दी। 

गुरुवार को यह विज्ञापन ओएलएक्स पर डाला गया तो हड़कंप मच गया। आनन फानन में पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को हिरासत में ले लिया है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है और षडयंत्र का पता लगा रही है। प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय कार्यालय बनारस के पॉश भेलूपुरा इलाके में है, जहां हर रोज सैकड़ों लोगों का आना जाना होता है।

वाराणसी के भेलूपुर थानाक्षेत्र के जवाहर नगर कालोनी में स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय की फोटो खींचकर ऑनलाइन खरीद फरोख्त की वेबसाइट ओएलएक्स पर डाल दिया गया। ओएलएक्स पर प्रधानमंत्री कार्यालय की 7.50 करोड़ रुपये कीमत मांगी गयी है। ओएलएक्स वेबसाइट पर बनारस के प्रधानमंत्री कार्यालय को 7 करोड़ 50 लाख रुपये में बेचने का विज्ञापन डालना उन लोगों को भारी पड़ गया है जिन्होंने यह काम किया था। वाराणसी पुलिस ने इस संबंध में चार लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है।

हालांकि, बनारस के जिस इलाके में यह कार्यालय है और जितना बड़ा इसका आकार है उस हिसाब से कीमत खासी ज्यादा मांगी गयी पर प्रधानमंत्री के नाम के चलते इसकी वैल्यू ज्यादा लगाई गई। प्रधानमंत्री का बनारस का दफ्तर 6500 वर्गफीट में है और इसमें चार बड़े कमरे हैं।

इस बारे में जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अमित पाठक ने बताया कि वाराणसी में ओएलएक्स पर लक्ष्मीकांत ओझा के नाम से पीएमओ ऑफिस को बेचने के लिए विज्ञापन दिया गया था। इस बात की जानकारी होते ही तत्काल वाराणसी पुलिस एक्शन में आयी है और इस संबंध में 4 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

एसएसपी ने बताया कि इस कार्य में लिप्त वह व्यक्ति जिसने कार्यालय की फोटो खींची थी उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ की जा रही है। इस संबंध में सख्त कार्यवाही की जाएगी।

कार्यालय पर काम करने वालों ने कहा कि पुलिस को पता लगाना चाहिए कि आखिर किसने और कैसे यहां आकर तस्वीर खींची और उसे खरीदी-बिक्री की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय को संवेदनशील मानते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस की वहां खासी सुरक्षा लगाई गयी है और सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं।

गुरूवार को वायरल हुए इस ओएलएक्स विज्ञापन पर प्रधानमंत्री के बनारस कार्यालय के अधीक्षक शिवशरण पाठक ने कहा था कि विज्ञापन पूरी तरह फर्जी है। विज्ञापन में जो पता दिया गया है वह भी गलत है। किसी ने जानबूझकर ऐसी हरकत की है। उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी पार्टी के आला पदाधिकारियों के साथ पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को भी दे दी गई है।