Request to build a memorial of Lata Mangeshkar in Mumbai, BJP leader Ram Kadam wrote a letter to CM Uddhav Thackeray
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    अयोध्या: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) द्वारा अपने भ्रमण और समीक्षा के समय मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी और नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेश्कर (Bharat Ratna Lata Mangeshkar) के नाम पर भगवान श्रीराम की जन्म स्थली अयोध्या (Ayodhya) के नगर निगम क्षेत्र में एक प्रमुख चौराहे को चिन्हांकित और नामकरण कर 15 दिन के अन्दर उ.प्र. शासन को प्रस्ताव भेजा जाए। लता मंगेश्कर ने भगवान राम और हनुमान जी पर अनेको भजन और गीत गाए हैं उनके गीतों का प्रसारण भी अयोध्या में किया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि उसी कड़ी में राष्ट्रपुरूष महाराणा प्रताप की मूर्ति का अनावरण किया गया है और अयोध्या के प्रसिद्ध संत परमहंस रामचन्द्र दास  के समाधि स्थल को जल्द से जल्द पूर्ण करने का निर्देश दिया है। 

    सीएम योगी के भ्रमण के अंतिम चरण में विकास कार्यो की समीक्षा के बाद गुप्तार घाट पहुंच कर महाराणा प्रताप की प्रतिमा के अनावरण किया। अनावरण के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ उनके शौर्य और पराक्रम को राष्ट्रीय अस्मिता से जोड़ा, बल्कि अनुसूचित महिला के यहां भोजन करने का जिक्र कर सामाजिक ताने-बाने को भी मजबूत किया और कहा कि महाराणा प्रताप ने न सिर्फ अपने शौर्य और पराक्रम से जंगल में रहते हुए सेना तैयार की, बल्कि मेवाड़ के उस भू-भाग को भी प्राप्त किया जिस पर अकबर ने कब्जा कर लिया था। उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह, महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी का शौर्य और पराक्रम सदैव ही प्रेरणादाई रहा है। यदि महाराणा प्रताप अकबर की अधीनता स्वीकार कर लेते तो वह भी अपना शासन बचा सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, महाराणा प्रताप ने भितरघातियों के बावजूद अकबर की सेना का मुकाबला किया। महाराणा प्रताप ने मानसिंह के साथ भोजन तक करने से इंकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप विधर्मियो और विदेशी शक्तियों से लड़ने की प्रेरणा देते हैं। 

    मुख्यमंत्री ने पर्दे की रस्सी खींच कर महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने अपने जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करते हुए मर्यादित जीवन की सीख दी। शबरी के जूठे बेर खाए तो निषादराज से मित्रता की। इसी से प्रेरणा लेकर अनुसूचित परिवार के आमंत्रण पर उनके यहां भोजन किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या को विश्व की सुन्दरतम नगरी के तौर पर प्रतिष्ठित किया जा रहा है। सरयू रिवर फ्रंट विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में 1528 से 1992 तक राम मंदिर आंदोलन को खत्म नहीं होने दिया, लेकिन अब राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बन रहा है। एक वर्ष में मंदिर बनकर तैयार भी हो जाएगा।

    उन्होंने कहा कि गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियां मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही। इस दौरान उन्होंने मूर्ति का निर्माण करने वाले राजस्थान के कारीगर महावीर का सम्मान भी किया। इस अवसर पर उनके साथ प्रदेश सरकार के नगर विकास/ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा, राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति, राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला, उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश डी. पी. सिंह, सांसद लल्लू सिंह, पूर्व सांसद विनय कटियार, विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, रामचंद्र यादव, अमित सिंह चैहान, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह, अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह, कार्यक्रम के आयोजक अजय प्रताप सिंह, संयोजक राजेश सिंह समेत अन्य मौजूद रहे।  मुख्यमंत्री सर्किट हाउस पहुंचकर अयोध्या के प्रसिद्ध तीन दर्जन से ज्यादा संतो को अंगवस्त्रम् पहनाकर सम्मानित किया तथा उनसे अयोध्या के विकास में सहयोग की अपील की।