Adani Electricity Jewar Limited

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-राजेश मिश्र

लखनऊ: अडानी समूह (Adani Group) ने एक बार फिर से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) और गाजियाबाद (Ghaziabad) में बिजली वितरण का लाइसेंस (Electricity Distribution License) हासिल करने के लिए आवेदन किया है। पूर्व में अडानी का नोएडा (Noida) जिले के लिए लाइसेंस का आवेदन अस्वीकार हो चुका है। अडानी समूह ने इन जिलों के लिए समानांतर विद्युत वितरण का लाइसेंस मांगा है। अब समूह ने अडानी इलेक्ट्रिसिटी जेवर लिमिटेड और अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड के जरिए विद्युत अधिनियम 20023 की धारा 14 व 15 के तहत एक संशोधित याचिका दाखिल कर फिर से लाइसेंस की मांग की हैं।

उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग 24 अप्रैल को अडानी समूह की इस याचिका पर सुनवाई करेगा। अभी तक इस पूरे क्षेत्र में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम और कुछ क्षेत्रों में नोएडा पावर कंपनी को लाइसेंस है। इससे पहले अडानी समूह ने बीते साल दिसंबर में एक याचिका दाखिल नोएडा के लिए बिजली वितरण का लाइसेंस मांगा था जिसे अस्वीकार कर दिया गया था।

हर स्तर पर विरोध किया जाएगा: आर.पी. सिंह 

अडानी समूह की याचिका का विरोध करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने नियामक आयोग के चेयरमैन आर.पी. सिंह से मुलाकात उसे भी सुनवाई में शामिल किए जाने की मांग की है। परिषद ने इसे निजीकरण का प्रयोग बताते हुए कहा कि इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि सोमवार को अडानी समूह के सामानांतर विद्युत वितरण लाइसेंस के खिलाफ नियामक आयोग में याचिका दाखिल की जाएगी। उन्होंने कहा कि विद्युत वितरण का समानांतर लाइसेंस प्राप्त होने के बाद प्रतिस्पर्धा कायम होगी और बिजली दरें कम होगी ऐसा बिल्कुल होता नहीं दिख रहा है। 

महाराष्ट्र का दिया उदाहरण

महाराष्ट्र राज्य जहां पर कई निजी घरानों को समानांतर बिजली वितरण का लाइसेंस प्राप्त है जिसमें टाटा पावर अदानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई व बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई लिमिटेड के पास लाइसेंस है आज यदि उनकी घरेलू बिजली दरों की चर्चा करें तो सच सामने आ जाएगा कि आम जनता का क्या फायदा हो रहा है। मुंबई में अभी जल्द ही टैरिफ जारी हुआ है उसमें निजी घरानों की बिजली खासी महंगी है। वर्मा का कहना है कि समानांतर लाइसेंस देने के बाद मुंबई में देश में सबसे महंगी बिजली की दरें हो गयी हैं। यही व्यवस्था उत्तर प्रदेश में लागू कर देने के बाद उपभोक्ताओं को अच्छी खासी चपत लगेगी।