piyush jain kanpur

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) और कन्नौज (Kannauj) में इत्र कारोबारी (Perfume Trader) के यहां कर अधिकारियों के छापों के बाद मिली करोड़ों की नकदी (Cash) ने देश भर में सनसनी पैदा की थी। इत्र कारोबारी पीयूष जैन (Piyush Jain)  के कानपुर और कन्नौज के ठिकानों में मिली अलमारियों में भरी नकदी को लेकर बड़ी राहत दे दी गयी है। डायरेक्ट्रेट जनरल आफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DDGI) ने छापों में मिली 177.45 करोड़ रुपए  नकदी को कारोबार के तौर पर दर्ज करते हुए अदालत में कागजात दाखिल किए हैं। 

    अब इस नकदी को इत्र कारोबारी के टर्नओवर का हिस्सा बताया गया है। डीजीजीआई ने इस पर 31.50 करोड़ रुपए की करों की देनदारी और 19.5 करोड़ रुपए का दंड लगाया है।  इस तरह से कुल 52 करोड़ रुपए इत्र कारोबारी को जमा करने को कहा गया था। जैन परिवार ने बीते रविवार को ही इस रकम को जमा भी कर दिया है। बरामद नकद को टर्नओवर में दर्ज करने के बाद इत्र कारोबारी को न केवल राहत मिल गयी है, बल्कि इस मामले में  वह आयकर के फंदे से बच गया है। डीजीजीआई ने बरामद नकदी को पीयूष जैन की दो फर्मों के टर्नओवर के तौर पर दिखाया है।

    कानपुर जेल में बंद है पीयूष जैन

    डीजीजीआई टीम ने इत्र कारोबारी और शिखर गुटखा के मालिक पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज में घर और कार्यालय पर बीते सप्ताह छापेमारी की थी। छापों में जहां 177.45 करोड़ रुपए नकद मिले थे, वहीं 23 किलो सोना और करीब 600 लीटर चंदन का तेल बरामद किया गया था। छापों के बाद कारोबारी पीयूष जैन को गिरफ्तार किया गया था और वह इस समय कानपुर जेल में है। हालांकि बरामद सोने को लेकर पीयूष जैन पर डायरेक्ट्रेट आफ रेवन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने बुधवार मुकदमा दर्ज किया। जैन पर डीआरआई ने कस्टम एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। डीआरआई इस मामले में सोने की तस्करी के एंगल से जांच करेगी।

    छापों ने राजनैतिक रंग ले लिया

    गौरतलब है कि बीते सप्ताह इत्र और गुटखा कारोबारी पीयूष जैन के यहां छापों ने राजनैतिक रंग ले लिया है। जहां भाजपा उक्त कारोबारी को समाजवादी पार्टी से जुड़ा बता रही है, वहीं अखिलेश यादव ने इससे इंकार किया। सपा ने इत्र कारोबारी की कंपनी शिखर गुटखा के फेसबुक पेज को जारी करते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी का प्रचारक था और भाजपा से उसके प्रगाढ़ रिश्ते थे। छापों के तुरंत बाद कहा गया था कि उक्त इत्र कारोबारी ने समाजवादी इत्र लांच किया था और उसके पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से करीबी रिश्ते थे। हालांकि समाजवादी पार्टी ने साफ किया है कि समाजवादी इत्र उसकी पार्टी के विधान परिषद सदस्य व एक दूसरे कारोबारी पुष्पराज जैन ने लांच किया था और दोनों के बीच किसी तरह का संबंध नहीं है। अखिलेश यादव ने छापे की जद में आए इत्र कारोबारी के भाजपा से संबंध होने का दावा करते हुए उसके काल डिटेल को सार्वजनिक करने की मांग की है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि गफलत में सपा नेता पुष्पराज की जगह अपने ही आदमी पर मोदी-योगी सरकार ने छापे मार दिए।