Akhilesh Yadav

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) नेता विरोधी दल (Leader of the Opposition) होंगे। लखनऊ में हुई बैठक में विधायक दल का नेता बनाने का प्रस्ताव अवधेश प्रसाद ने रखा और विधान मंडल दल का नेता चुनने का प्रस्ताव लालजी वर्मा ने रखा, जिसके बाद अखिलेश को सर्वसम्मति से  नेता चुना गया। इसके बाद विधानसभा सचिवालय ने अखिलेश यादव को नेता विरोधी दल की मान्यता देते हुए पत्र जारी कर दिया है। अखिलेश यादव मैनपुरी (Mainpuri) की करहल सीट से विधायक चुने गए हैं। इससे पहले वे आज़मगढ़ से सांसद थे। विधायक चुने जाने के बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।

    उधर, सपा विधानमंडल दल की बैठक में न बुलाए जाने पर अखिलेश के चाचा और जसवंतनगर के विधायक शिवपाल सिंह यादव ने नाराजगी जताई है। शिवपाल यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सभी विधायकों को पार्टी कार्यालय से फोन किया गया, जबकि उन्हें कोई फोन नहीं आया। उन्होंने कहा कि इसी के चलते वह समाजवादी पार्टी के विधायकों की बैठक में नहीं गए। शिवपाल यादव ने कहा कि वह जल्द ही अपने अगले कदम की जानकारी देंगे।

    सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने दी सफाई

    इस मामले पर सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने कहा कि सहयोगी दलो की बैठक 28 मार्च को बुलाई गई है। इसमें सभी सहयोगी दलों के विधायकों को बुलाया जाएगा। नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि शनिवार की बैठक में केवल सपा के विधायकों को बुलाया गया था। सहयोगी दलों के किसी विधायक को नहीं बुलाया गया था, उन्हें 28 को बुलाया जाएगा।

    अखिलेश यादव-जयंत चौधरी की हुई मुलाकात 

    इस मामले पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि सहयोगी दलों के जो विधायक सायकिल के सिम्बल पर लड़े और जीते उन्हें भी 28 को बुलाया जाएगा, चाहे वो शिवपाल यादव हों या पल्लवी पटेल या राजभर सब को बुलाया जाएगा। इससे पहले शनिवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) अध्यक्ष जयंत चौधरी की सपा कार्यालय विक्रमादित्य मार्ग पर मुलाकात हुई। दोनों के बीच बैठक करीब एक घंटे तक चली।