उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम आने लगे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) को मिली बंपर जीत का सिलसिला ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में जारी है। 825 सीटों में से भाजपा ने अभी तक 635 पर अपना कब्ज़ा कर लिया है। वहीं मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को फिर से हार का मुँह देखना पड़ा है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अपने गढ़ मैनपुरी और आज़मगढ़ को भी नहीं बचा सके। दोनों जिलों में कमल खिल गया है।
मैनपुरी में खिला कमल
मुलायम सिंह यादव की जन्म भूमि मैनपुरी में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के बाद ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भी सपा को बड़ा झटका लगा है। जिले की नौ ब्लॉक प्रमुख पद मे से छह पर भाजपा का कब्ज़ा हो गया है। वहीं समाजवादी को एक सीट से संतोष करना पड़ा। वहीं दो अन्य सीट पर निर्दलीयों ने चुनाव जीता है।
ज्ञात हो कि, पिछले चुनाव में इस जिले में भाजपा का खाता तक नहीं खुला था। नौ मेसे सात पर सपा का प्रत्याशी को जीत मिली थी, वहीं दी पर निर्दलीयों को। हालांकि बाद में दोनों निर्दलीय समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे।
आज़मगढ़ की 22 मे से 11 पर भाजपा का कब्ज़ा
मैनपुरी के साथ-साथ अखिलेश यादव अपने संसदीय क्षेत्र आज़मगढ़ में भी कमल खिलने से नहीं रोक पाए। जिला पंचायत चुनाव में मिली हार का बदला भाजपा ने ब्लॉक प्रमुख के चुनाव 22 में से 11 सीट जीतकर चूका दिया। वहीं समाजवादी पार्टी को केवल चार सीटों से संतोष करना पड़ा। वहीं बची अन्य सीटों पर निर्दलीयों ने कब्ज़ा किया है।
ज्ञात हो कि, 22 मे से पांच पर ब्लॉक प्रमुख निर्विरोध चुने गए। जिसमें निर्दलीय अलका मिश्रा, ठेकमा से निर्दलीय दुर्गावती देवी, लालगंज से सपा की अमला देवी, फूलपुर से सपा की अर्चना यादव व तरवां से भाजपा के मतानु राम शामिल हैं।