MLC Election

    Loading

    लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने विधान परिषद की चार सीटों को लेकर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। सपा ने पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, मुकुल यादव, शाहनवाज खान उर्फ शब्बू और जासमीर अंसारी को अपना प्रत्याशी बनाया है। सभी ने आज अपना नामांकन भी भर दिया है।  प्रत्याशियों का ऐलान करते ही सपा गठबंधन में टूट हो गई है। महान दल के नेता केशव देव मौर्य ने सपा के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया। वहीं ओमप्रकाश राजभर की पार्टी ने गठबंधन साथियों की बेज्जती करने का आरोप लगाया है। 

    सपा गठबंधन में उनकी कहीं जगह ही नहीं

    महान दल के नेता केशव देव मौर्य ने कहा, “सपा के साथ गठबंधन तोड़ने का फैसला उन्होंने कर लिया है। हालांकि, नाराज वह किसी से नहीं हैं। गठबंधन से वह इसलिए अलग होना चाहते हैं क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि सपा गठबंधन में उनकी कहीं जगह ही नहीं है। जब से वह गठबंधन में आए हैं, तबसे वह सपा सरकार बनाना चाहते थे लेकिन अखिलेश यादव की तरफ से उन्हें कभी तवज्जो नहीं मिला।”

    मौर्य ने कहा, “महान दल एक बड़ा दल है। यह मान सकते हैं कि थोड़ा कमजोर दल है क्योंकि वह भी आर्थिक रूप से कमजोर हैं। वह मानते हैं कि उनका विकल्प बनाया गया… क्योंकि सपा चाहती थी कि उन्हें वोट तो मिले लेकिन केशव देव मौर्य एक बड़ा लीडर न बन पाए। इसलिए उन्हें कमजोर रखने के लिए सपा ने विकल्प तैयार किया।” 

    भागीदारी देने की बात सिर्फ जुबा तक सीमित

    महान दल के साथ ओपी राजभर की पार्टी सुहेलदेव समाज पार्टी ने भी सवाल उठाया है। पार्टी के प्रवक्ता और राजभर के बेटे अरुण राजभर ने ट्वीट करते हुए कहा, “भागीदारी देने की बात सिर्फ जुबा तक सीमित रखने से जनता उनको सिमित कर देती है,जो मेहनत करे ताकत दे उनको नजरअंदाज करो, जो सिर्फ बात करे उसको आगे बढ़ाओ,यह आगे के लिए हानिकारक है।”

    पार्टी के अन्य नेता पियूष मिश्रा ने सपा पर बेज्जती करने का आरोप लगाया। मिश्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा, “समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी का आज का फैसला निश्चित ही सेहेलदेव समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं को निराश करने वाला है,एक सहयोगी 38 सीट लड़कर 8 सीट जीतते है तो उन्हें राज्यसभा,हमें वहां कोई ऐतराज नही।लेकिन हम 16 सीट लड़कर 6 सीट जीतते है तो हमारी उपेक्षा,ऐसा क्यों?”