
लखनऊ. माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद (Atiq Ahmed) तथा उनके भाई और पूर्व विधायक अशरफ (Ashraf) की शनिवार रात हुई हत्या को लेकर कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए विपक्ष ने जहां योगी सरकार को बर्खास्त करने की मांग की वहीं राज्य सरकार के मंत्री ने इसे “आसमानी फैसला” बताया। राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अतीक, अशरफ की हत्या को लेकर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया।
उन्होंने ट्वीट किया, “उत्तर प्रदेश में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या ? इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है। ऐसा लगता है कि कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।”
बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली ने दावा किया कि उप्र में जंगल राज की पराकाष्ठा है। उन्होंने ट्वीट किया ‘‘यह ऊपर के इशारे के बिना नहीं हो सकता। किसी और लोकतंत्र में कानून के शासन के खिलाफ ऐसे जघन्य अपराध के लिए राज्य सरकार को बर्खास्त कर दिया जाता।” राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष व सांसद जयंत चौधरी ने भी अतीक और उसके भाई की हत्या की सनसनीखेज घटना को लेकर सरकार पर सवाल उठाया।
#WATCH | Uttar Pradesh: Moment when Mafia-turned-politician Atiq Ahmed and his brother Ashraf Ahmed were shot dead by assailants while interacting with media.
(Warning: Disturbing Visuals) pic.twitter.com/PBVaWji04Q
— ANI (@ANI) April 15, 2023
उन्होंने ट्वीट किया ” क्या यह लोकतंत्र में संभव है ?” उन्होंने हैशटैग जंगलराज लगाया। चौधरी ने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें अतीक और अशरफ की हत्या का दृश्य है। उन्होंने कहा ‘‘अतीक के साथ किसी को भी सहानुभूति नहीं है क्योंकि अपराधी को सजा मिलनी चाहिए। लेकिन जिसने भी यह वीडियो देखा, वह सवाल करेगा कि क्या हम लोकतंत्र हैं ? हर अपराधी को अदालत में अपना पक्ष रखने का अधिकार है और उसे वहीं दोषी ठहराया जाता है। लेकिन आप देख सकते हैं कि उन्हें पुलिस की हिरासत में सबके सामने मार डाला गया।”
चौधरी ने आगे कहा ‘‘मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए कि राज्य में उन्होंने किस तरह की कानून व्यवस्था स्थापित की है। क्या यह जंगलराज नहीं है और क्या उत्तर प्रदेश में आपातकाल लागू नहीं किया जाना चाहिए ?” राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया ‘‘उत्तर प्रदेश में दो हत्याएं : 1- अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की, 2- कानून के शासन की।”
वहीं दूसरी तरफ उप्र सरकार के संसदीय कार्य व वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पत्रकारों से कहा ”देखिए, जब जुल्म की इंतिहा होती है या जब अपराध की पराकाष्ठा होती है तो कुछ फैसले आसमान से होते हैं। ….और मैं समझता हूं कि यह कुदरत का फैसला है और इसमें कुछ कहने की आवश्यकता ही नहीं है। बाकी तो जब पूरी परिस्थिति सामने आएगी, तब हम कहेंगे।”
उन्होंने कहा “जब जुल्म बढ़ता है तो कुदरत सक्रिय हो जाती है। वह अपने तरह से फैसला देती है और मैं समझता हूं कि सभी को इस आसमानी फैसले को स्वीकार कर लेना चाहिए।”
खन्ना से जब अखिलेश यादव के बयान को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सरकार ने हर तरह से कोशिश की कि कानून-व्यवस्था बनी रहे और योगी सरकार कानून-व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उप्र सरकार के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने एक ट्वीट में कहा “पाप-पुण्य का हिसाब इसी जन्म में होता है।” (एजेंसी)