नयी दिल्ली/अयोध्या. प्रभु श्री राम के भक्तों के लिए मिल रही बड़ी खबर के अनुसार, उत्तरप्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में बन रहे राम मंदिर (Ram Mandir) के गर्भगृह में स्थापित होने वाली भगवान राम की मूर्ति का निर्माण कार्य अब शुरु हो गया है। वहीं ये पावन मूर्ति आगामी जनवरी 2024 में मकर संक्रांति पर गर्भगृह में यह स्थापित होगी।
जानकारी के अनुसार भक्तों को मूर्ति के 35 फीट दूर से दर्शन हो सकेंगे। वहीं रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें गर्भगृह में रामलला के ललाट को छुएंगी। इसके लिए खास तौर पर खगोलशास्त्र और भौतिकी विज्ञान के विशेषज्ञों की एक टीम भी बनाई गई है।
ख़बरों के अनुसार मूर्ति को भव्य और मोहक बनाने के लिए देश के नामचीन और बड़े-बड़े मूर्तिकारों की टीमें अयोध्या पहुंच रही हैं। इसके साथ ही कर्नाटक के शिल्पकार गणेश एल. भट्ट और राजस्थान के शिल्पकार सत्यनारायण पांडेय की टीमें भी अयोध्या आ चुकी हैं। पद्मविभूषण सुदर्शन साहू और मैसुरु के अरुण योगीराज की टीमों का फिलहाल आना बाकी हैं।
कैसा होगा स्वरुप
बता दें कि संतों, विद्वानों, शिल्पकारों और चित्रकारों से लंबी चर्चा के बाद आखिरकार यह तय हुआ है कि, बालस्वरूप (5 वर्ष) का जैसा वर्णन वाल्मीकि जी ने किया है, उसी आधार पर रामलला की दिव्य मूर्ति बनेगी। हालांकि मूर्ति को आकार देते समय इसमें कुछ बदलाव भी हो सकते हैं।
Pic Courtsey: Dainik Bhaskar/Vasudev Kamat
साढ़े 8 फीट ऊंची होगी प्रतिमा
मिली जानकारी के अनुसार रामलला की मूर्ति आसमानी और ग्रे कलर के पत्थरों से तैयार होगी, जो देखने में काफी ही मनमोहक और खूबसूरत होगी। यह मूर्ति 5 साल के बालक के स्वरूप पर बनाई जाएगी। जिसकी ऊंचाई साढ़े आठ फीट होगी। मूर्ति के प्रारूप के तौर पर 9 इंच से 12 इंच तक के भी मॉडल बनाए जाएंगे।
30-35 फीट की दूरी से ही होंगे दर्शन
यह भी खबर है कि राम भक्तों को अपने आराध्य के दिव्य दर्शन लगभग 30 से 35 फीट की दूरी से ही होंगे। यह प्रतिमा इतनी बड़ी और मनमोहक होगी कि श्रद्धालु भगवान की आंख और भगवान के चरण सीधे तौर पर अपनी आंखों से देख सकेंगें। वहीं राम मंदिर के गर्भगृह के एक हिस्से में चौखट और 20 फीट ऊंची दीवारें बन रही हैं। ये मकराना के सफेद संगमरमर से बनाई जा रही हैं।